पिछले पांच नवम्बर को पेरोल पर रिहा होने के बाद दिल्ली में अपने समर्थकों को संबोधित करने वाले अजय सिंह चौटाला अब हरियाणा के दौरे पर है। वे सभी जिलों में दौरा करने के बाद आगामी 17 नवम्बर को जींद में पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में अपनी आगे की रणनीति का ऐलान करेंगे। अजय सिंह चौटाला ने अब तक अपने को पांडव के रूप में घोषित किया है। साथ ही कहा है कि समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं का सार्वजनिक मंचों पर अपमान किया जाता रहा है। यह अपमान नहीं होने दिया जाएगा। यह भी कहा है कि वे सत्ता के भूखे नहीं हैं लेकिन पार्टी को किसी की बपौती नहीं बनने दिया जाएगा।
अजय सिंह और अभय सिंह पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के पौत्र है और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के पुत्र है। जेबीटी टीचर्स भर्ती घोटाला मामले में दिल्ली की सीबीआई अदालत द्वारा वर्ष 2013 में दस साल की सजा सुनाए जाने के बाद पिता ओमप्रकाश चौटाला और पुत्र अजय सिंह चौटाला जेल में है। ऐसे में पार्टी का नेतृत्व अभय सिंह चौटाला के जिम्मे रहा है। अभय सिंह हरियाणा विघानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी है।
यूं पैदा हुआ था विवाद
अभय सिंह के बडे भाई अजय सिंह के बडे पुत्र दुष्यंत चौटाला वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में हिसार से लोकसभा सदस्य चुने गए। पिछले करीब एक साल से अभय सिंह और दुष्यंत के बीच राजनीतिक खिंचाव पैदा हो गया। इसके परिणाम के रूप में पार्टी की ओर से पिछले 7 अक्टूबर को गोहाना में आयोजित सम्मान दिवस रैली में युवाओं के एक समूह ने अभय सिंह चौटाला के संबोधन के दौरान हूटिंग की।
पेरोल पर रिहा होने के कारण ओमप्रकाश चौटाला भी इस रैली के मंच पर थे। हूटिंग प्रकरण में दुष्यंत चौटाला और उनके छोटे भाई छात्र संगठन इनसो के अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस दिया गया और प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करने के बाद पार्टी से बाहर कर दिया गया। यह सारी कार्रवाई ओपी चौटाला द्वारा की गई।
दीपावली का जश्न भी मना अलग—अलग
अब हाल यह है कि अजय सिंह और अभय सिंह चौटाला इस दीपावली पर शुभकामनाएं लेने के लिए साथ नहीं बैठे। अजय सिंह चौटाला ने जहां सिरसा में बैठकर शुभकामनाएं लीं वहीं अभय सिंह चौटाला ने तेजाखेडा में शुभकामनाएं लीं। इससे सुलह की संभावनाएं घटती दिखाई दी। जननायक सेवादल के प्रवक्ता ने चैनलों की चर्चा में शामिल होने के लिए सेवादल के अधिकृत पैनल की घोषणा भी कर दी है। इससे साफ हो रहा है कि जननायक सेवादल को सक्रिय करते हुए अलग पार्टी के रूप में भी स्थापित किया जा सकता है।