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आप राजस्थान में शिक्षक हैं, तबादला चाहते हो तो अपनाना होगा यह तरीका?

locationझुंझुनूPublished: Aug 17, 2019 01:15:40 pm

अब शिक्षा विभाग खुद ही ‘छात्र हितÓ के नाम पर प्रतिनियुक्ति का खेल खेल रहा है। सभी आदेश निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के नाम से जारी हो रहे हैं। इधर शिक्षकों का कहना है कि चूरू, झुंझुनूं व सीकर के दस हजार से अधिक शिक्षक दूसरे जिलों में कार्यरत हैं, उनको भी ‘छात्र हितÓ में गृह जिले में लगा देना चाहिए।

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आप राजस्थान में शिक्षक हैं, तबादला चाहते हो तो अपनाना होगा यह तरीका?

झुुंझुनूं. अपनों को पसंदीदा जगह लगाने के लिए शिक्षा विभाग ने अब नया नाम दिया है, इसका नाम है ‘छात्र हितÓ। इस नाम से प्रतिबंधित जिलों(डार्क जोन) में लगे शिक्षकों को गृह जिले के मुख्यालय वाले विद्यालयों में लगाना शुरू कर दिया गया है।
शिक्षा विभाग में पहले भी चहेते शिक्षकों को उनकी पसंद की जगह लगाया जाता रहा है। इसे शिक्षण व्यवस्था नाम दिया गया है। पहले अमूमन एक जिले में उसी जिले में यह व्यवस्था होती रही है, लेकिन अब तो दूसरे जिलों से भी शिक्षकों को लगाया जाने लगा है। एक तरफ तो शिक्षा विभाग व चिकित्सा विभाग कह रहा है कि सभी प्रतिनियुक्तियां निरस्त की जाए। शिक्षकों को मूल स्थान पर भेजा जाए। अब शिक्षा विभाग खुद ही ‘छात्र हितÓ के नाम पर प्रतिनियुक्ति का खेल खेल रहा है। सभी आदेश निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के नाम से जारी हो रहे हैं। इधर शिक्षकों का कहना है कि चूरू, झुंझुनूं व सीकर के दस हजार से अधिक शिक्षक दूसरे जिलों में कार्यरत हैं, उनको भी ‘छात्र हितÓ में गृह जिले में लगा देना चाहिए।

केस एक
तृतीय श्रेणी की लेवल प्रथम की शिक्षक सविता कुमारी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सरदारपुरा मोरली(सिरोही) में कार्यरत थी। उसे अब शहीद जेपी जानू राउमावि झुंझुनूं में शिक्षण व्यवस्था के तहत लगाया गया है। इसका कारण ‘छात्र हितÓ बताया गया है। सिरोही जिले से आई सविता कुमारी ने जेपी जानू स्कूल में कार्यभार भी संभाल लिया है।

केस दो
तृतीय श्रेणी की द्वितीय लेवल (सामाजिक विज्ञान) की शिक्षक अनिता जालौर जिले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय धरड़ा पावटी में कार्यरत थी। उसे अब राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय संख्या आठ चूरू में लगाया गया है। इसे भी ‘छात्र हितÓ नाम दिया गया है।

आम शिक्षक को भी मिले इस नियम का फायदा
छात्र हित को ध्यान में रखकर जो प्रतिनियुक्ति की गई है, उसी के आधार पर आम शिक्षकों के भी तबादले गृह जिलों में करने चाहिए। छात्र हित के नाम पर यह मेहरबानी ‘खासÓ के लिए नहीं होनी चाहिए।
-उपेन्द्र शर्मा,शिक्षक नेता

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