झुंझुनूं में 997 श्रमिक
झुंझुनूं में 31 से 40 साल के करीब एक लाख 31 हजार 602 लोगों ने मनरेगा में रोजगार चाहा। मगर काम पर महज 997 श्रमिक ही आए। जिसमें अलसीसर में 120, बुहाना में 102, चिड़ावा में 59, झुंझुनूं में 52, खेतड़ी में 84, मंडावा में 66, नवलगढ़ में 139, पिलानी में 56, सिंघाना में 124, सूरजगढ़ में 71, उदयपुरवाटी में 124 श्रमिक शामिल हैं ।
प्रदेश में 31 से 40 साल के श्रमिक
जिला श्रमिक
अजमेर 17671 अलवर 2032 बांसवाड़ा 35212 बांरा 5368 बाड़मेर 30530 भरतपुर 1402 भीलवाड़ा 9864
बीकानेर 12329 बूंदी 2972 चित्तौडग़ढ़ 6138 चूरू 5321 दौसा 1768 धौलपुर 1470 डूंगरपुर 25306 हनुमानगढ़ 1117 जयपुर 4002
जैसलमेर 8112 जालौर 8891 झालावाड़ 10513 झुंझुनूं 997 जोधपुर 11526 करौली 1663 कोटा 6193 नागौर 15724 पाली 6993
प्रतापगढ़ 28469 राजसमंद 6943 सवाईमाधोपुर 1183 सीकर 3900 सिरोही 2834 श्रीगंगानगर 4925 टोंक 6682 उदयपुर 22738 प्रदेश के हजारों लोग युवावस्था में ही मनरेगा में श्रमिक बन रहे हैं। जिसकी सबसे बड़ी वजह रोजगार का अभाव माना जा रहा है। 30 साल की उम्र तक रोजगार की तलाश के बावजूद नौकरी नहीं मिलती। जिस कारण आखिर में मनरेगा में तगारी उठाकर घर चलाना पड़ रहा है।
18 से 80 साल से ज्यादा के श्रमिक
उम्र श्रमिक
18-30 165681 31-40 310788 41-50 300060 51-60 214143 61-80 151627 80 से ज्यादा 6561