रीटा चौधरी एक बार विधायक रह चुकी हैं। अब मंडावा में दोनों ही महिला प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा। रीटा जहां मंडावा की बेटी है, वहीं सुशीला सीगड़ा मंडावा की बहू है। गौरतलब रहे कि मंडावा विधानसभा से विधायक नरेंद्र खींचड़ के सांसद बन जाने से इस सीट पर उप चुनाव हो रहे हैं।
सुशीला सीगड़ा ने कहा कि पार्टी ने उन पर जो भरोसा जताया है वे उस पर खरीं उतरेंगी। साथ ही मंडावा विधानसभा क्षेत्र की जनता के विश्वास को कभी नहीं तोड़ेंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यशैली और उनकी बड़ी सोच देखकर भाजपा में आई हूं। सुशीला सीगड़ा पंचायत समिति झुंझुनूं से इस बार तीसरी बार प्रधान है। तीनों ही बार कांग्रेस से प्रधान बनी है। इससे पहले उनके ससुर बृजलाल सीगड़ा 1981 से 1988 तक प्रधान रह चुके। वे सरपंच भी थे।
मंडावा विधानसभा के होने वाले उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी मंडावा से 2008 में एक बार विधायक रही हैं। इसके बाद 2013 में कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने से बागी होकर चुनाव लड़ने व 2018 में फिर से कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा। परंतु वे वोटों के कम अंतर से हार गई और अब फिर उप चुनाव में पार्टी ने रीटा पर भरोसा जताया है। रीटा चौधरी के पिता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामनारायण चौधरी मंडावा से सात बार विधायक रहे थे। वे कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष, विधानसभा में डिप्टी स्पीकर और विभिन्न विभागों के मंत्री रहे।