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video : अर्थी उठने से पहले 95 साल का यह दादा बोल पड़ा-मैं तो जिंदा हूं…

locationझुंझुनूPublished: Nov 06, 2018 01:45:04 pm

Submitted by:

vishwanath saini

JHUNJHUNU : मौत के बाद वापस जिंदा होने का कुदरत का यह करिश्मा राजस्थान के झुंझुनूं जिले के खेतड़ी उपखण्ड के गांव बबाई में हुआ है, जो पूरे शेखावाटी अंचल में चर्चा का विषय बना हुआ है।

rajasthan man

Jhunjhunu Old man

सीकर/खेतड़ी. इस घर के सबसे बुजुर्ग सदस्य की दोपहर को मौत हो गई थी। दिवाली की खुशियों के बीच अचानक मातम छा गया था। तत्काल परिवार और रिश्तेदारी में खबर की गई। जिस पर हर कोई शोक में डूबे इस परिवार को ढांढस बंधाने के लिए आने लगा था।

सांझ ढलने से पहले ही शव के अंतिम संस्कार की भी सारी तैयारियां कर ली गई थी। बेटों ने सिर तक मुंडन करवा लिया था। बैकुंठी सज चुकी थी। लेकिन इसी दौरान अचानक चमत्कार हुआ, जो अकल्पनीय था। बेजान से इस शरीर में हलचल हुई। सांसे फिर से चल पड़ी और देखते ही देखते यह वृद्ध खड़ा हो गया। खुशियां एकाएक लौट आई।

कुदरत का यह करिश्मा राजस्थान के झुंझुनूं जिले के खेतड़ी उपखण्ड के गांव बबाई में हुआ है, जो पूरे शेखावाटी अंचल में चर्चा का विषय बना हुआ है। अपनी मौत के चार घंटे बाद ही वृद्ध के वापस जिंदा होने से इस बार की दिवाली इस परिवार के लिए यादगार बन गई।

 

ये कहता है चिकित्सा विज्ञान


&चिकित्सा विज्ञान के अनुसार जांच के दौरान किसी भी व्यक्ति के दिमाग, फेफड़े व श्वास की गति पूरी तरह से बंद होने पर ही उसे मृत घोषित किया जाता है। आम लोग इन बातों से अनजान होने के कारण व्यक्ति के हृदय की गति कम होने पर मृत समझ लेते हैं।

 

डॉ. कैलाश राहड, फिजीशियन राजकीय बीडीके अस्पताल झुंझुनूं

 

Jhunjhunu old man

खेतड़ी तहसील के बबाई गांव की ढाणी भगतावाला निवासी बालूराम व रणजीत ने बताया कि शनिवार दोपहर लगभग 1.30 बजे उनके पिताजी बुद्धराम गुर्जर (95) की मृत्यु हो गई। इनकी मौत की सूचना तमाम रिश्तेदारी में दे दी तथा इनके अन्तिम संस्कार की तैयारी भी कर ली थी।

शव को श्मशान घाट तक ले जाने के बैकुण्ठी भी सजा दी गई थी। बेटों ने मुण्डन भी करवा लिया था। जब लगभग साढ़े पांच बजे उनके शव को अन्तिम क्रिया के लिए नहलाना चाहा तो शरीर में कुछ हलचल हुई और देखते ही देखते सांस आने लगी। इस पर उन्हें वापस पलंग पर लेटाया गया। कुछ समय बाद वे अच्छी तरह बोलने लगे और खड़े होकर चलने भी लगे।

शोक मनाने आने वालों को नहीं हुआ विश्वास

इसी दौरान उन सभी रिश्तेदारों को वापस सूचना दी गई, जो शोक मनाने के लिए उनके घर आ रहे थे। उन्हें बताया कि बुद्धराम गुर्जर वापस जिंदा हो गए हैं तो उन्हें एकबारगी तो विश्वास ही नहीं हुआ, क्योंकि ऐसा बहुत ही कम मामलों में होता है कि कोई व्यक्ति अर्थी पर लेटाना से ठीक पहले वापस जिंदा हो जाए।

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