‘तम से क्या घबराना क्योंकि सूरज रोज निकलता है’
झांसीPublished: Sep 02, 2018 10:22:35 pm
‘तम से क्या घबराना क्योंकि सूरज रोज निकलता है’
‘तम से क्या घबराना क्योंकि सूरज रोज निकलता है’
झांसी। कोई दीपक जलता है, अंधेरा रोये जाता है। कदम बढ़ाकर देखो तो थोड़ी दूर सफलता है, तम से क्या घबराना क्योंकि सूरज रोज निकलता है। यह विचार सुप्रसिद्ध कवि डा.रामशंकर भारती ने अपने काव्य पाठ के माध्यम से व्यक्त किये। डा.रामशंकर भारती बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर में संचालित जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के सभागार में आयोजित ‘कालेज से कविता’ अभियान के अन्तर्गत अपनी काव्य रचनाओं का एकल काव्य पाठ कर रहे थे।
ये रचनाएं सराही गईं
इस अवसर पर डा.भारती द्वारा प्रस्तुत रचना- फूलों को कांटों पर चलना पड़ता है, कविता लिखना कोई खेल नहीं के प्रस्तुतीकरण से उन्होंने कवि की कठिनताओं को चित्रित किया। वहीं बूढ़ा बरगद, जाल किनारे, नीम की शीतल छांव मिले….. नामक अपनी एक काव्य रचना के द्वारा उन्होंने भारत के गांवों का सटीक चित्रण किया। इस अवसर पर डा.भारती ने पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बिताये सपने स्मरणों को साझा किया।
जनानी होकर भी मर्दानी कहलाई थी
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झांसी के प्रख्यात साहित्यकार डा. त्रिभुवन नाथ त्रिवेदी रहे। डा. त्रिवेदी ने ‘जनानी होकर भी मर्दानी कहलाई थी’ कविता के द्वारा झांसी की महारानी लक्ष्मी बाई को याद किया। उन्होंने कहा कि ये धरती राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त, वृन्दावन लाल वर्मा तथा हजारी प्रसाद द्वि़वेदी की है। चिन्तन से चैतन्य के मोती निकलते हैं कविता के द्वारा मुख्य अतिथि ने श्रोताओं को कविता के प्रति प्रेरित किया। इस अवसर पर ललित कला संस्थान की वरिष्ठ सहायक आचार्य डा.सुनीता ने गुरू मां को समर्पित अपनी कविता में उनके वात्सल्य तथा निश्छल प्रेम का वर्णन किया।
इन्होंने भी किया काव्य पाठ
इस अवसर पर पत्रकारिता संस्थान के छात्र-छात्राओं ने भी कविताएं सुनायी। अरिबा अली ने ‘बेनकाब चेहरे हैं’ कविता श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत की। अंशुल द्विवेदी ने अपराजित नीति- नीयत के सच्चे नेता थे रचना द्वारा पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी बाजपेयी को याद किया। वहीं सन्तोष कुमार मिश्रा, खुशबू व करूणा आदि ने भी गीत सुनाए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कालेज से कविता अभियान के संचालक प्रेम कुमार गौतम ने बताया कि कालेज से कविता के अंतर्गत महाविद्यालयों तथा विद्यालयों में कविता पाठ कर शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को कविता के प्रति जागरूक करने के लिए इस अभियान का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि यह एक विशुद्ध कविता के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए अभियान है। इसमें विद्यालय के विद्यार्थियों के सम्मुख नगर एवं क्षेत्र के किसी एक कवि की कविताओं का एकल काव्य पाठ किया जाता है। इससे पूर्व भी पत्रकारिता संस्थान में लक्ष्मी नारायण शर्मा तथा मदन मानव की कविताओं का एकल काव्यपाठ हो चुका है। इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के समन्वयक कौशल त्रिपाठी ने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पत्रकारिता विभाग के उप आचार्य डा.सीपी.पैन्यूली ने की। समारोह के अन्त में आमंत्रित अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
ये लोग रहे उपस्थित
इस अवसर पर डा.उमेश कुमार, अभिषेक कुमार, डा.अजय कुमार गुप्ता जयसिंह, दिलीप कुमार, जयराम कुमार उपस्थित रहे।