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किसान पाठशाला : पारंपरिक खेती के साथ करें ये काम, तो किसानों की आय हो जाएगी दोगुनी

locationझांसीPublished: Jun 11, 2019 08:55:22 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

जिले के बबीना ब्लाक के खजराहा बुजुर्ग में आयोजित द मिलियन फार्मर्स स्कूल ‘किसान पाठशाला’ में किसानों को आय दोगुनी करने के टिप्स दिए गए।

Double income tips for farmers

किसान पाठशाला : पारंपरिक खेती के साथ करें ये काम, तो किसानों की आय हो जाएगी दोगुनी

झांसी. जिले के बबीना ब्लाक के खजराहा बुजुर्ग में आयोजित द मिलियन फार्मर्स स्कूल ‘किसान पाठशाला’ में किसानों को आय दोगुनी करने के टिप्स दिए गए। इस मौके पर उपनिदेशक भूमि संरक्षण उत्तम कुमार ने कहा कि जानकारियों के साथ उचित प्रबंधन से खेती-किसानी को लाभदायक बनाया जा सकता है। पारंपरिक खेती के साथ ही पशुपालन, मत्स्य पालन व कुक्कुट पालन के द्वारा भी किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है।

ऐसे मौके पर करें बुवाई

इस मौके पर उपनिदेशक ने कहा कि किसान और कृषि विकास के बीच प्रसार महत्वपूर्ण कड़ी है। इस कड़ी को मजबूत करके ही किसान को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सकता है और शासन के अनुरूप उसकी आय दोगुनी की जा सकती है। बुंदेलखंड में कहावत है ‘तेरह कार्तिक, तीन आषाढ़’। यह कहावत खरीफ सीजन में प्रभावी प्रबंधन के महत्व को दर्शाती है। मानसून के सक्रिय होने एवं समुचित नमी की उपलब्धता होते ही उचित समय पर बुवाई, रोपाई, पौधरोपण की समुचित व्यवस्था करने से उत्पादन पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि बुवाई से पूर्व भूमि प्रबंधन महत्वपूर्ण है। फसल उत्पादन के लिए सबसे पहला कदम खेत की तैयारी है। इसके लिए जुताई करके खेत को बुवाई योग्य बनाना है। उन्होंने मृदा परीक्षण कराए जाने का भी सुझाव दिया, ताकि यह ज्ञात हो सके कि हम कौन सी फसल लें, जो लाभ दे सके। उन्होंने जुताई कैसे करें, गर्मियों की जुताई कैसे करें, और उसके लाभ के विषय में किसानों को बताया।

ऐसे करें फसलों का चयन

इस मौके पर कार्यक्रम प्रभारी दीपक कुशवाहा विषय वस्तु विशेषज्ञ ने किसानों को बुंदेलखंड की परिस्थितियों में और अनुकूलता को देखते हुए किन फसलों का चयन किया जाना है, तथा अपने उत्पादन की लागत को कम करते हुए बाजार की मांग के अनुसार बिचौलियों के बिना अपने उत्पाद विक्रय को कैसे किया जाना है, इसके बारे में भी बिंदुवार जानकारी दी।

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