बांदा सीट पर तीनों प्रमुख प्रत्याशी ऐसे ही बुंदेलखंड की बांदा सीट पर तीनों ही प्रमुख दलों के प्रत्याशी इसी श्रेणी के हैं। यहां से पिछले चुनाव में भाजपा के टिकट पर भैरोंप्रसाद मिश्र सांसद चुने गए थे। इस चुनाव में उनका टिकट काटकर भाजपा ने आर के सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है। वह इसी सीट पर लगातार तीसरे चुनाव में अलग दल के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। उनके पास सपा-बसपा दोनों ही दलों का ही अनुभव है। वह पहले बसपाई राजनीति में रहे। 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा के टिकट पर बांदा से सांसद चुने गए। 2014 का चुनाव उन्होंने बसपा के टिकट पर लड़ा और इस बार वह भाजपा के टिकट पर लोकसभा के चुनाव मैदान में किस्मत आजमाने उतरे हैं। इस सीट पर बसपा से गठबंधन के तहत सपा ने उद्योगपति श्यामा चरण गुप्त को चुनाव मैदान में उतारा है। वह 2014 के चुनाव में इलाहाबाद सीट से भाजपा के टिकट पर चुनकर सांसद बने। इससे पहले वह बांदा से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीतकर संसद में पहुंचे थे। इस बार उन्होंने भाजपा से टिकट मिलने की उम्मीद नहीं दिखने पर सपा का दामन थाम लिया। इसके अलावा कांग्रेस ने ददुआ के भाई बाल कुमार पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है। वह 2009 के चुनाव में समाजवादी पार्टी से मिर्जापुर सीट से सांसद रहे हैं। पिछला चुनाव उन्होंने सपा के टिकट पर बांदा सीट से लड़ा था और इस बार सपा से टिकट नहीं मिलने के कारण वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।
जालौन संसदीय सीट इसके अलावा जालौन संसदीय सीट की जनता के लिए बृजलाल खाबरी बहुत पुराना चेहरा हैं, लेकिन उनका दल नया है। वह 1999 में इसी सीट से बहुजन समाज पार्टी के हाथी पर बैठकर संसद में दाखिल हुए। इसके बाद बसपा ने ही उन्हें राज्यसभा का भी सांसद बनवाया। इस बार वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। हालांकि, बसपा ने यहां से नए चेहरे अजय सिंह ‘पंकज’ को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, भाजपा से यहां से चार बार सांसद रह चुके भानु प्रताप वर्मा फिर चुनाव मैदान में हैं।
हमीरपुर संसदीय सीट इस सीट पर पिछली बार निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में उतरे प्रीतम सिंह लोधी इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां से भाजपा ने 2014 में चुने गए सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को रिपीट किया है। वहीं, सपा से गठबंधन के बाद बसपा ने नए चेहरे दिलीप सिंह पर दांव लगाया है।
झांसी संसदीय सीट इस सीट से बसपा से गठबंधऩ के बाद समाजवादी पार्टी ने पूर्व एमएलसी श्याम सुंदर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। वह पहले सपा में थे। फिर 2012 में भाजपा के टिकट पर बबीना विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। अब वह सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर भाजपा से टिकट की मांग कर रहे जगत विक्रम सिंह लोधी पाला बदलकर शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान उतरे हैं। कांग्रेस के टिकट पर जन अधिकार पार्टी के शिवशरण कुशवाहा मैदान में हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने एकदम नए चेहरे के रूप में उद्योगपति अनुराग शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। वह अपने पिता पं. विश्वनाथ शर्मा की राजनीतिक विरासत को संभालने को इस क्षेत्र में उतरे हैं। उनके पिता का राजनीति में दलबदल का इतिहास रहा है। वह 1980 में झांसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए। इसके बाद 1991 में वह हमीरपुर सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए। इसके बाद एक बार फिर उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर मध्यप्रदेश की दतिया-भिंड सीट से किस्मत आजमाई, लेकिन कामयाब नहीं हुए।