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झांसी के चुनावी रण में बदलाव: संघर्ष भरी साइकिल की अब पुरानी कहानी, 28 साल बाद थमी दौड़  

झांसी में सपा हमेशा टक्कर में नजर आती रही है। लेकिन इस बार झांसी-ललितपुर सीट गठबंधन में जाने से साइकिल की कहानी लोगों के लिए पुरानी जैसी हो गई है।

झांसीMay 03, 2024 / 01:18 pm

Ramnaresh Yadav

Change in Jhansi's election battle

28 साल बाद झांसी में चुनाव नहीं लड़ रही समाजवादी पार्टी

समाजवादी पार्टी (सपा) ने झांसी में अपना रवैया बदल दिया है। 28 साल तक सपा ने 7 बार लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन इस बार उसने अपनी साइकिल को रख दिया है। इस चुनाव में, सपा ने गठबंधन के तहत कांग्रेस को झांसी सीट दे दी है, जो अब तक यहाँ परचम फहरा चुकी है।
सपा ने अपना पहला चुनाव वर्ष 1996 में लड़ा था, जिसके बाद से वह मैदान में दमदारी से उतर चुकी है। यहां से सपा को हर बार एक लाख से अधिक वोट मिले हैं। वर्ष 2004 में डॉ. चन्द्रपाल सिंह यादव ने सपा को झांसी से विजयी कराया था, लेकिन इस बार सपा ने नई रणनीति अपनाई है। उसने कांग्रेस के प्रत्याशी प्रदीप जैन ‘आदित्य’ को सपोर्ट किया है।
झांसी लोकसभा सीट पर सपा का प्रदर्शन निम्नलिखित है

  • 1996: हरगोविन्द कुशवाहा, दूसरा स्थान, 1,34,152 वोट
  • 1998: हरगोविन्द कुशवाहा, दूसरा स्थान, 2,22,965 वोट
  • 1999: हरगोविन्द कुशवाहा, तीसरा स्थान, 1,31,773 वोट
  • 2004: डॉ. चन्द्रपाल सिंह यादव, विजयी, 2,38,782 वोट
  • 2009: डॉ. चन्द्रपाल सिंह यादव, तीसरा स्थान, 1,32,076 वोट
  • 2014: डॉ. चन्द्रपाल सिंह यादव, दूसरा स्थान, 3,85,422 वोट
  • 2019: श्याम सुन्दर सिंह, दूसरा स्थान, 4,43,589 वोट

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