ये है शासन की मंशा
जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की मंशा है कि कर्मचारियों का कहीं भी उत्पीड़न न हो। उनकी जो समस्याएं हैं, उनका समय से निस्तारण हो। अतः समस्त विभागीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि वह अपने कर्मचारियों के साथ बैठक करते हुए उनकी समस्याओं को सुनें और उनका निराकरण कराएं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यदि किसी पटल सहायक द्वारा कर्मचारी से सेवा संबंधित कार्य हेतु पैसे की मांग की जाती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बिलों के भुगतान लंबित
इस मौके पर विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि जिला अस्पताल में चिकित्सा बिल भुगतान हेतु लंबित होने के कारण परेशानी हो रही है। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि वह पृथक से पंजिका बनाकर नोडल अधिकारी बनाएं और सभी लंबित प्रकरण दस-पंद्रह दिन के अंदर भुगतान कराएं। यदि प्रकरण लंबित रखा जाता है, तो कार्रवाई की जाए। इस मौके पर बैठक में राजगीय वाहन चालक महासंघ के जिलामंत्री बादाम सिंह यादव ने सरकारी वाहनों का बीमा कराए जाने, सरकारी विभागों में चलाई जाने वाली प्राइवेट गाड़ियों को टैक्सी परमिट होने व पुराने वाहनों की मरम्मत कराए जाने की मांग रखी। वहीं संग्रह अनुदेशकर संघ के जिलाध्यक्ष लाखन सिंह चौहान ने समय से सर्विस बुक पर वार्षिक एंट्री करवाए जाने, संघ के लिए कार्यालय उपलब्ध कराए जाने, वेतन समय से दिलाए जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। इस अवसर पर नगर निगम में मृतक आश्रित के रूप में सुमित कुमार को एमबीए होने के बावजूद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बनाए जाने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने पत्रावली तलब करने के निर्देश दिए।
ये लोग रहे उपस्थित
इस बैठक में एडीएम बी. प्रसाद, डीडीओ उग्रसेन सिंह यादव व बीएसए हरवंश कुमार सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।