इन चीजों की होती है मुफ्त जांच इस अवसर पर विश्वविद्यालय कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो. सी.बी. सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में मृदा एवं पानी की जांच करने की तकनीक उपलब्ध है। कृषक निशुल्क इसकी सेवा ले सकते हैं। प्रो. एस.पी. सिंह ने कहा कि रासायनिक खाद की जगह प्राकृतिक उर्वरकों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
औषधीय पौधों की खेती है लाभदायक इस कार्यक्रम के दौरान किसानों के बीच विषय विशेषज्ञ एवं डी.एस.टी. वैज्ञानिक डा. भूप सिंह एवं डा. ए.के. सिंह ने कहा कि औषधी पौधों की कृषि का महत्व दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने इसके लाभ एवं इसकी खेती कैसे की जाए के संबध में किसानों को जागरूक किया। इस अवसर पर किसानों को लेमन ग्रास एवं ऐलोवेरा के पौधों का वितरण भी किया गया।
अन्ना जानवर भी हैं उपयोगी इस अवसर पर सीडीओ के प्रतिनिधि ने बताया कि अन्ना जानवरों द्वारा दिये जाना वाला मूत्र एवं गोबर भी उपयोगी है। इसलिये इन्हें खुला नहीं छोड़ना चाहिये। पशुपालन के विषय में अधिक जानकारी से आवारा एवं अन्ना जानवरों की समस्या का निदान पाया जा सकता है।
किसानों को किया सम्मानित इस अवसर पर कृषि क्षेत्र में उन्नत कार्य एवं नवाचार की विधियों का प्रयोग करने वाले किसानों को कुपलति, विशेषज्ञों एवं उपस्थित अन्य अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। उन्नत भारत मिशन के विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी एवं कार्यक्रम संयोजक डा. जितेन्द्र बबेले ने संचालन किया। कार्यक्रम में डा. डी. के. भट्ट, डा. लवकुश द्विवेदी, डा. यतीन्द्र मिश्रा, डा. महेन्द्र कुमार, डा. अभिमन्यु सिंह आदि के साथ बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।