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शिक्षा की गुणवत्ता पर जताई चिंता, कहा- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है शिक्षकों का दायित्व

locationझांसीPublished: Jul 28, 2018 07:44:49 am

Submitted by:

Ruchi Sharma

शिक्षा की गुणवत्ता पर जताई चिंता, कहा- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है शिक्षकों का दायित्व

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शिक्षा की गुणवत्ता पर जताई चिंता, कहा- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है शिक्षकों का दायित्व

झांसी. बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. वी के सहगल ने कहा कि वर्तमान समय में शैक्षणिक संस्थाओं का उत्तरदायित्व है कि वह छात्रों को गुणवत्तापूर्ण उत्तम शिक्षा दें। वह यहां विश्वविद्यालय परिसर के गांधी सभागार में अनुदानित/राजकीय तथा स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत संचालित महाविद्यालयों के प्राचार्यों के सम्मेलन में महाविद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संबंधी गोष्ठी में अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यद्यपि वर्तमान में उच्च शिक्षा का प्रचार प्रसार काफी हो गया है लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आई है।
सभी के सहयोग से हुई नकल विहीन परीक्षाएं


इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव सी.पी. तिवारी ने कहा कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में नकलविहीन परीक्षा संपन्न करवाने में विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ-साथ विश्वविद्यालय से संबंधित महाविद्यालयों का भी महत्पवपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि आपके योगदान के बिना यह दुष्कर कार्य संभव ही नहीं था। उन्होंने अपने कार्य में कोई भी कोताही नहीं बरती तथा विभिन्न समस्याओं के होते हुए भी नकल विहीन परीक्षा संपादन में विश्वविद्यालय का पूर्ण सहयोग किया। कुलसचिव तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन सभी महाविद्यालयों को उनकी समस्याओं के समाधान में हर संभव सहायता करेगा।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक नारायण दास ने कहा कि विश्वविद्यालय में नकलविहीन परीक्षा के उपरान्त महाविद्यालयों में शिक्षा का वातावरण बहुत अच्छा है और सभी प्रबंधकों और महाविद्यालय के लोगों ने इसमें सहयोग किया है। उप कुलसचिव ने महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने हेतु कई सुझाव भी दिये। समारोह का संचालन डा.मुन्ना तिवारी ने किया। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.देवेश निगम ने आमंत्रित अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

विभिन्न महाविद्यालयेां के प्राचायो्र ने भी अपनी समस्याओं को विष्वविद्यालय प्रषासन के समक्ष रखा तथा समधान के लिए कहा।


इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों को उनके शैक्षणिक एवं परीक्षा परिणामांे के आधार पुरस्कृत एवं सम्मानित भी किया गया। साथ ही कुछ ऐसे महाविद्यालयों को भी पुरस्कृत किया गया जो विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित मानक पूरे करते थे।
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