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‘मन की गांठ सबसे ज्यादा खतरनाक, ले सकती है कैंसर का रूप’

locationझांसीPublished: Sep 26, 2018 07:30:32 am

Submitted by:

BK Gupta

‘मन की गांठ सबसे ज्यादा खतरनाक, ले सकती है कैंसर का रूप’

aryika purnmati mata dharmsabha in karguan jain temple jhansi

‘मन की गांठ सबसे ज्यादा खतरनाक, ले सकती है कैंसर का रूप’

झांसी। जैन आर्यिका पूर्णमति माता ने कहा कि जिस व्यक्ति के जीवन में बुनियाद रूपी क्षमा है वह व्यक्ति बहुत तरक्की करता है। जिसकी बुनियाद में क्षमा नहीं है वह ऊपर उठ भी जाता है तो एक न एक दिन धड़ाम से नीचे गिर जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे भीतर जो क्रोध भरा है वह एक न एक दिन गांठ बन जाता है और गांठ कहीं भी अच्छी नहीं होती है। मन के भीतर गांठ है तो कुछ दिन बाद वह कैंसर का रूप ले सकती है। इसलिये अपने भीतर पनप रहे बैर की गांठ का तत्काल विसर्जन कर लें। मन की गांठ सबसे ज्यादा खतरनाक है, उसे तो कोई चिकित्सक भी नहीं खोल सकता है। उसे तो हमें अपने आप ही खोलना पड़ेगा। अतः क्रोध रूपी विकार का तत्काल शमन करें और दिल का दायरा बढ़ाएं। जाने- अनजाने में हुई भूल के लिये प्रत्येक जीव से क्षमा मांगें तथा स्वयं क्षमा का भाव धारण करें। अपने भीतर मैत्री भाव जगायें। कागज पर नहीं, हृदय में क्षमा भाव जगायें। वह यहां जैन तीर्थ करगुवां में क्षमा वाणी पर आयोजित धर्मसभा में बोल रही थीं।
जन-जन का धर्म है जैन धर्म
आर्यिका पूर्णमति माता ने कहा कि सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः हम वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के साथ जियें तो जीवन का आनन्द कुछ और ही होगा। जब हम धरती के सभी प्राणियों को अपना परिवार मानेंगे तो परस्परोग्रहो जीवानाम की सार्थकता स्वतः सिद्ध हो जायेगी। अपने कषायों को विसर्जित कर क्षमा भाव धारण करें। क्षमा वीरों का आभूषण है। जैन धर्म तो जन-जन का धर्म है। जैन जाति नहीं गुणवाचक। जैन दर्शन गुणात्मक है। जैन दर्शन के अनुसार क्षमावाणी पर्व यदि समूचा विश्व मनाये तो एक दिन समाज में फैले बैर -भाव समाप्त हो जायेंगे।
ये लोग रहे उपस्थित
क्षमावाणी पर्व महोत्सव के मुख्य अतिथि प्रदेश के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हरगोविंद कुशवाहा रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में भाजपा नेता संजीव श्रृंगीऋषि मौजूद रहे। अतिथियों ने आर्यिका पूर्णमति माता के चरणों में श्रीफल समर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त कर आचार्य विद्यासागर के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर धर्मसभा का शुभारम्भ कराया। तदुपरान्त दिगम्बर जैन पंचायत समिति, सकल जैन समाज एवं पावन वर्षायोग समिति की ओर से मुख्य अतिथि हरगोविन्द कुशवाहा एवं संजीव श्रृंगीऋषि का माला पहनाकर एवं शाल ओढ़ाकर अभिनन्दन किया गया। इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं गौरव अध्यक्ष प्रदीप जैन आदित्य, वरिष्ठ पत्रकार कैलाशचंद्र जैन, पंचायत अध्यक्ष प्रकाशचंद्र जैन, व्यापारी नेता शैलेन्द्र जैन, ललित जैन, अशोक रतनसेल्स, सुभाष सत्यराज, दिनेश जैन, राजीव सिर्स, संजय सिंघई, वरूण जैन, सिंघई रिषभ जैन, सौरभ सर्वज्ञ, कमल जैन व विनोद जैन ठेकेदार आदि मौजूद रहे। संचालन प्रवीण कुमार जैन ने किया।
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