scriptसाढ़े तीन करोड़ पर लगा ताला, पीपाजी पेनोरमा के उचित संचालन का इंतजार | Waiting for proper operation of Pappaji Panorama, locked at three and | Patrika News

साढ़े तीन करोड़ पर लगा ताला, पीपाजी पेनोरमा के उचित संचालन का इंतजार

locationझालावाड़Published: Jan 18, 2019 02:33:08 pm

Submitted by:

jitendra jakiy

-आनन फानन में लोकार्पण के बाद किसी ने नहीं ली सुध

Waiting for proper operation of Pappaji Panorama, locked at three and

साढ़े तीन करोड़ पर लगा ताला, पीपाजी पेनोरमा के उचित संचालन का इंतजार

साढ़े तीन करोड़ पर लगा ताला, पीपाजी पेनोरमा के उचित संचालन का इंतजार
-आनन फानन में लोकार्पण के बाद किसी ने नहीं ली सुध
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. गागरोन रोड़ पर तीन करोड़ पचास लाख की लागत से निर्मित संत पीपाजी पेनोरमा का आचार संहिता लगने से पहले आनन फानन में 27 सितम्बर को लोकार्पण कर दिया गया था, लेकिन जब से चार माह से इसका उचित संचालन नही हुआ है। राज बदलते ही यह शानदार धरोहर भी उपेक्षित हो गई है। वर्तमान में इसके मुख्य द्वार पर हमेशा ताला लगा नजर आता है। ऐसी सुंदर धरोहर को देखने के लिए देशी व विदेशी पर्यटक परेशान हो रहे है क्योकि यह पेनोरमा बाहर से बहुत ही सुंदर व हेरिटेज लुक में नजर आता है।
-राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण की ओर से मुख्यमंत्री बजट घोषणा के तहत 6 हजार 5 सौ वर्ग फीट क्षेत्र में 3 करोड़ 50 लाख की लागत से संत शिरोमणी पीपाजी की स्मृतियों को पेनोरमा के रुप में सहेजने का प्रयास किया गया। इसके रखरखाव के लिए पेनोरमा को ेदेखने आए वालो से टिकट लगाने का प्रस्ताव बनाया गया था लेकिन अभी तक वहां पर कोई टिकट आदि की व्यवस्था भी नही हुई है।
-लोकार्पण आनन फानन में, प्लेट में भी नाम गलत लगे
पीपाजी पेनोरमा का लोकार्पण भी प्राधिकरण की ओर से आनन फानन में किया गया था। 27 सितम्बर की रात को करीब 10 बजे इसका लोकार्पण प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत ने किया उस समय इसका पूरा कार्य भी नही हुआ था। भवन में दीवार पर लगी लोकार्पण पट्ट में भी गलत जानकारी दी गई है। इसमें लिखा हुआ है कि मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने लोकापर्ण किया। अतिथियों में जिले के प्रभारी मंत्री युनूस खान, राज्य सभा सांसद रामकुमार वर्मा व सांसद दुष्यंत सिंह। जबकि यह लोग आए ही नही थे। लोकापर्ण के समय इस स्थान को आकर्षण बनाने के लिए कई योजनाएं भी बनाई, परिसर में पौधारोपण कर हरियाली फैलाने, दर्शनार्थियों से टिकट लगा कर उससे एकत्र राशि से इसका रखरखाव व संचालन आदि कार्य के बारे में चर्चा की गई थी।
-यह है पेनोरमा की विशेषता
भवन के बाहर पीपाजी की पांच फीट की ध्यानमुद्रा में बेठै हुए अष्टधातु की निर्मित प्रतिमा है। भवन के अंदर पीपाजी के जीवन चरित्र से जुडी फाइबर से निर्मित सजीव झांकिया है जिसमें राज ऋषि पीपाजी राजा के रुप में उनकी सबसे छोटी पत्नी स्मृति रानी से सीता सहचरी, पीपाजी को भोजन कराते भगवान श्रीकृष्ण, परसजी खाती द्वारा बंद रथ का पहिया जोडऩा, सर्पदंश से जीवन रक्षा, तपस्यारत पीपाजी व सीता सहचरी, द्वारिकापुरी में आग बुझाना, अकाल में पीडि़तो को धन बांटना, टोडानगर में स्वर्ण मुद्राएं बांटना, बांस के सूखे गठ्ठरों को हरा बनाना, बनिए का उद्देश्य व व्यापरी को उपदेश व ससे चर्चित शेर को उपदेश जैसी मुख्य झांकियां है।
-इन संतों की झांकी सजी है
पीपाजी अपने गुरु रामानंद जी व अन्य गुरु भाई- बहनों, संत अवतांनद, संत कबीर, संत सुखानंद, संत सुरसरानंद, संत नृसिंह, संत भावानंद, संत रेदास,संत धन्ना सेठी, संत सेन, साध्वी पदमावती व साध्वी सूरसरि की सुंदर प्रतिमाएं व झांकी सजी है।
-जनता के लिए खोला जाएगा
इस सम्बंध में उपखंड़ अधिकरी डॉ. राकेश मीणा ने बताया कि पीपाजी के पेनोरमा को जनता के लिए खोला जाएगा। ताला लगने के मामले को देखते है फिलहाल वहां एक चौकीदार भी रखा हुआ है। टिकट आदि की व्यवस्था के लिए भी जानकारी ली जाएगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो