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रिनोवेशन पर 43 लाख खर्च, फिर भी छात्रावास में प्रवेश नहीं

locationझालावाड़Published: Aug 08, 2018 03:43:11 pm

Submitted by:

jagdish paraliya

65 फीसदी छात्र रहते हैं किराए का कमरा लेकर

PATRIKA

रिनोवेशन पर 43 लाख खर्च, फिर भी छात्रावास में प्रवेश नहीं

झालावाड़. राजकीय महाविद्यालय में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए पुलिस लाइन के पास स्वामी विवेकानंद छात्रावास बना रखा है। ताकी छात्र यहां न्यूनतम किराए में रहकर महाविद्यालय में नियमित अध्ययन कर सके। लेकिन छात्रावास लंबे समय से बदहाल हो रहा था।
राजस्थान पत्रिका ने लगातार इसकी मरम्मत को लेकर मुद्दा उठाया था। इसके बाद छात्रावास की मरम्मत हुए दो माह से अधिक हो गए है। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने महाविद्यालय प्रशासन को भवन हैंडओवर भी कर दिया है। इसके बाद भी महाविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रावास में प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं करने से ग्रामीण क्षेत्र के गरीब विद्यार्थियों को किराए के कमरों में रहकर अध्ययन करना पड़ रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों को ढाई हजार रूपए से अधिक के कमरों में रहना मजबूरी बनी हुई है। विद्यार्थियों ने बताया कि विज्ञान संकाय की पढ़ाई शुरू हो जाती है। कोचिंग आदि भी जाना पढ़ता है, जुलाई से कमरा ले लिया है। छात्रावास में किराए के कमरों की व्यवस्था हो तो पढ़ाई में अव्वल व गरीब तबके के छात्रों को किराए के कमरों के लिए इधर-उधर चक्कर नहीं काटने पड़े।
राजकीय पीजी महाविद्यालय के स्वामी विवेकानंद छात्रावास का करीब ४३ लाख ८ हजार रूपए से रिनोवेशन का काम करवाया गया है। इसमें छात्रावास में दीवालों का प्लास्टर, गेट, विद्युत बोर्ड, पंखे आदि लगाए गए है। अब सभी कमरों की मरम्मत कर आधुनिक कमरे बना दिए है। यहां छात्रों के लिए एक बड़ी कीचन का निर्माणभी करवाया गया है। साथ ही करीब १० लाख रूपए से चारदीवारी का निर्माण भी करवाया गया है।तथा ट्यूबवैल भी लगावाया गया है। इन सभी के लिए २१.९० लाख रुपए का बजट कॉलेज आयुक्तालय से तथा २१.९० लाख रुपए का बजट सांसद कोष से दिया गया है। इसे सार्वजनिक निर्माण विभाग ने कॉलेज प्रशासन को दो माह पहले ही हैंडओवर कर दिया है लेकिन अभी तक इसमें प्रवेश नहीं दिया गया है।
प्रवेश के लिए समिति ही नहीं बनी
छात्रावास में प्रवेश के लिए समिति बनाए जानी है। लेकिन महाविद्यालय खुले एक माह होने के बादभी अभी तक महाविद्यालय में छात्रावास प्रवेश समिति नहीं बनी है। ना प्रवेश के लिए कोई नियम बनाए गए है। ऐसे में अनुमान लगाया जया सकता है कि महाविद्यालय प्रशासन छात्रों की पढ़ाई को लेकर कितना गंभीर है। इस ओर ध्यान नहीं देने से से ग्रामीण छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है। यहां एक कमरों में दो-दो विद्यार्थियों को रखा जाएगा। लेकिन यह कब रखा जाएगा अभी तक तय नहीं हुआ है।
महंगे किराये पर कमरा लेने को मजबूर है छात्र
हाड़ौती के सबसे बड़े राजकीय पीजी महाविद्यालय में करीब ४३०० सौ विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। इनमें से करीब ६५ फीसदी विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। वह शहर में किराये से कमरा लेकर रहते हैं। ऐसे में महाविद्यालय के स्वामी विवेकानंद छात्रावास में किराए से कमरा मिल जाएं तो उन्हे आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़े।
छात्रावास में प्रवेश के लिए समिति बनाई जाएगी। उसके बाद ही प्रवेश होंगे। मैस का सिस्टम किया जाएगा। इसके लिए नियम बनाएंगे।
बीसी मीणा, कार्यवाहक प्राचार्य, पीजी महाविद्यालय, झालावाड़

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