मुकंदरा हिल्स टाईगर रिजर्व पार्क में प्रदूषित होता जलाशय
झालावाड़Published: Oct 14, 2019 08:09:09 pm
-वन विभाग की चौकी के नीचे बेखौफ होती सिंघाड़े की अवैध खेती-इम्पोर्टेन्ट बर्ड एरिया के रूप में होना है विकसित
मुकंदरा हिल्स टाईगर रिजर्व पार्क में प्रदूषित होता जलाशय
मुकंदरा हिल्स टाईगर रिजर्व पार्क में प्रदूषित होता जलाशय
-वन विभाग की चौकी के नीचे बेखौफ होती सिंघाड़े की अवैध खेती
-इम्पोर्टेन्ट बर्ड एरिया के रूप में होना है विकसित
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. मुकंदरा हिल्स टाईगर रिजर्व पार्क में स्थित नौलाव वन चौकी के नीचे खुले आम जलाशय में इन दिनो सिंघाडें की अवैध खेती की जा रही है इससे जल प्रदूषित हो रहा है, वहीं वन विभाग कुछ नही कर पा रहा है। मुकंदरा पर्वतमाला की तलहटी में प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित इस जलाशय को जिले के प्रस्तावित इम्पोर्टेन्ट बर्ड एरिया के रूप में विकसित किया जाना है। तालाब में हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षियों का बसेरा है लेकिन इन दिनो जलाशय के प्रदूषित होते जल से उनके सामने भी संकट हो गया है। सोमवार को पत्रिका संवाददाता जितेंद्र जैकी ने नौलाव में स्थित तालाब पर जाकर देखा तो पूरे तालाब की सतह पर सिंघाड़े की बेल बिखरी हुई थी व एक नाव में एक दम्पति तालाब में कीटनाशक दवा छिड़कने में जुटे हुए थे इससे पानी प्रदूषित हो रहा है। यह टाइगर रिजर्व का पार्ट है तो यहां किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियां नहीं होनी चाहिए। सिंघाड़ा व्यावसायिक फसल है। तालाब पूरी तरह से ढका होने पर यहां का ईको सिस्टम भी खराब हो रहा है।
-वन्यजीव प्रेमियों ने जताया रोष
नौलाव तालाब में सिंघाड़े होने से वन्यजीव प्रेमियों ने रोष जताया है। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट अनिल रोजर्स ने बताया कि नौलाव तालाब पर हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी आते थे। जिनमें रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, वाइट आइड पोचार्ड व मलार्ड जैसे पक्षी भी यहां अच्छी संख्या में आते थे। सिंघाड़े की खेती ने तालाब को पूरी तरह से ढक लिया है, इस कारण इस बार किसी भी प्रवासी पक्षी का यहां आगमन नहीं हुआ है। इस तालाब को जिले के प्रस्तावित इम्पोर्टेन्ट बर्ड एरिया के रूप में विकसित किया जाना था। जिसका प्रस्ताव भी बन चुका है व बीएनएच एस के साइंटिस्ट भी यहां विजिट कर चुके हैं।
-कार्रवाई करेगें
इस सम्बंध में क्षेत्रीय वन अधिकारी राजेंद्र विजय का कहना है कि नौलाव में ग्रामीणों की ओर से सिंघाड़े की अवैध खेती की जा रही है इस पर ग्रामीणों को समझाया गया लेकिन अगर नही मानते है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।