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हर्बल गार्डन में पानी के भराव से दुर्लभ वनस्पतियों के ज्यादातर पौधे नष्ट

locationझालावाड़Published: Aug 24, 2019 09:30:31 pm

Submitted by:

arun tripathi

ईओ ने कलक्टर को भेजी रिपोर्ट

Mostly plants of rare flora destroyed by waterlogging in the herbal garden

ईओ ने कलक्टर को भेजी रिपोर्ट

झालरापाटन. गोमती सागर तालाब के रिसाव से वन विभाग के हर्बल गार्डन में पानी के भराव से वनस्पति और पेड़ पौधों को बहुत नुकसान हुआ है।
राजस्थान पत्रिका में 24 अगस्त को ‘8 दिन से पानी में डूबी दुर्लभ वनस्पति की आपदा प्रबंधन नहीं ले रहा सुधÓ समाचार प्रकाशित होने के बाद कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने हर्बल गार्डन में हुए नुकसान के लिए नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी महावीर सिंह सिसोदिया को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। अधिशाषी अधिकारी ने शनिवार को हर्बल गार्डन का अवलोकन करने के बाद प्रशासन को भेजी रिपोर्ट में बताया कि कुंड के मुख्य द्वार के पास स्थित मौखे के नहीं खुलने से पास ही स्थित पट्टी को तोड़कर पानी की निकासी की है। इससे करीब 70 प्रतिशत पानी की निकासी हो चुकी है और लगातार जारी है। हर्बल गार्डन के नीचे के पिछले कुछ ब्लॉकों में अभी पानी भरा है, फिर भी यहां का अधिकांश हिस्सा खाली हो गया है। लगातार पानी भरा रहने से पुराने आम के पेड़ जड़ से उखड़ गए हैं, केवड़े, केले के पेड़ों को भी नुकसान हुआ है। इसके साथ ही सतावरी, हल्दी, एलोविरा, छुईमुई, सिंदुरी के अधिकांश पौधे नष्ट हो गए हैं। पानी के भराव से कई जगह टै्रक को भी नुकसान पहुंचा है।
हरिश जाटव की मौत की हो न्यायिक जांच
झालरापाटन. यादव जाटव समाज की जिला स्तरीय बैठक हरदोल बाबा मंदिर पर जिलाध्यक्ष कैलाशचंद यादव की अध्यक्षता में हुई। अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष ने कहा कि अलवर में मॉब लिचिंग का शिकार हुए हरिश जाटव की मौत की पुलिस द्वारा सही जांच नहीं करने और आरोपी के मुकदमा वापस लेने की धमकी देने से परेशान होकर 20 दिन बाद मृतक के पिता रत्तीराम ने जहर खाकर जान देदी। मृतक के परिवार को 20 लाख रुपए का मुआवजा व परिवार के सदस्य को रोजगार दिलाया जाए। जिला संरक्षक विनोद यादव ने नई दिल्ली में रविदास मार्ग पर रविदास का मंदिर गिराने की निंदा करते हुए सरकार से फिर से मंदिर का निर्माण कराने की मांग की। कोटा संभाग प्रभारी राजकुमार यादव, जिला संरक्षक केसरीलाल यादव, चंदन यादव, राजेन्द्र यादव, रमेशचंद, ओमप्रकाश, जगदीश, अभिषेक, तिलक, लक्ष्मीनारायण, विकास यादव, ताराचंद, रामचरण, रखबचंद, माणकचंद यादव ने भी विचार व्यक्त किए।
अब अपात्र पेंशनधारियों के भी कटेंगे नाम
भवानीमंडी. नगर के बीपीएल और खाद्य सुरक्षा के अपात्र लोगों की जांच कर उनके नाम सूची में से हटाए जा रहे हैं, इसी तर्ज पर अब प्रशासन ने अपात्र पेंशनधारियों की भी जांच कर नाम हटाने की योजना बना ली है।
उपखण्ड अधिकारी राजेश डागा ने बताया की लोगों से मिल रही शिकायत के आधार पर जिस तरह से नगरपालिका की 2003 की बीपीएल एवं खाद्य सुरक्षा सूची की भू-अभिलेख एवं पटवारियों द्वारा जांच कराकर अपात्र लोगों के नाम सूची में से हटाए जा रहे हंै। उसी तरह से अब उपकोष कार्यालय में पंजीकृत अपात्र पेंशनधारियों की जांच कर उनके भी नाम सूची में से काटे जाएंगे। पेंशनधारियों को भौतिक सत्यापन कराया जाएगा।
21 हजार अधिक पेंशनधारी
वर्तमान में उपकोष कार्यालय में सामाजिक पेंशन योजना के तहत 21 हजार 852 पंजीकृत हैं। जो पेंशन योजना का लाभ ले रहे हंै। जिसमें वृद्धा पेंशन योजना में 11हजार 390, विधवा पेंशन में 5 हजार 633, विकलांग पेंशन में 1 हजार 489, किसान पेंशन योजना 2 हजार 573 व अन्य पेंशन योजना में 756 पेंशनधारी लाभ ले रहे हंै।
मौके पर खड़े रहकर हटवाया अतिक्रमण
भवानीमंडी. नगर के पुरानी सब्जीमंडी स्थित माहेश्वरी सामाज के मांगलिक भवन के बाहर लगी दुकानों का अतिक्रमण देख उपखण्ड अधिकारी राजेश डागा ने नाराजगी जताते हुए नगरपालिका के कार्यवाहक अधीषाशी अधिकारी देवमित्र और कानुनगो को बुलाकर अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए। इसके बाद नगरपालिका कर्मचारियों ने मांगलिक भवन के बाहर लगी दुकानों के अतिक्रम को हटवाया। गौरतलब है कि शुक्रवार को उपखण्ड अधिकारी ने नगरपालिका को पत्र लिखकर दुकानदारों द्वारा फुटपाथ पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए दिशा निर्देश दिए थे। लेकिन नगरपालिका ने कार्रवाई नहीं की।
दित्याखेड़ी में नए मुक्तिधाम का निर्माण नहीं
पुराने के रास्ते में भरा कालीसिंध बांध का पानी
झालरापाटन. दित्याखेड़ी गांव में स्वीकृत नया मुक्तिधाम नहीं बनने से ग्रामीणों को कालीसिंध बांध से भरे पानी में होकर शव को पुराने मुक्तिधाम ले जाना पड़ रहा है।
देवकीनंदन पाटीदार ने बताया कि पुराने मुक्तिधाम के रास्ते पर कालीसिंध बांध का पानी भरा है। गांव के जगदीश पाटीदार (70) की मृत्यु होने से ग्रामीणों को शव पानी के भराव क्षेत्र में होकर पुराने मुक्तिधाम में ले जाना पड़ा। वहीं अंतिम क्रिया के लिए लकड़ी व कंड़े लेकर जा रहा ट्रैक्टर भी रास्ते में ही फंस गया। इससे सामान हाथों में लेकर जाना पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि हर वर्ष बरसात के मौसम में परेशानी झेलना पड़ती है। 5 वर्ष पूर्व चरागाह के पास नए मुक्तिधाम की जगह चिह्नित की थी। इसकी 1 वर्ष पहले नींव भी भर दी, लेकिन पंचायत की ओर से निर्माण नहीं कराने से सभी परेशाने हैं।
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