खिराजें अकीदत से विदा हुए ताजिए…
झालावाड़Published: Oct 30, 2018 08:01:26 pm
-चालिसवें के मोहर्रम पर मातमी धुन के बीच निकले
खिराजें अकीदत से विदा हुए ताजिए…
खिराजें अकीदत से विदा हुए ताजिए…
-चालिसवें के मोहर्रम पर मातमी धुन के बीच निकले
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. पैगम्बर हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मोहर्रम का पर्व परम्परागत तरीके से मंगलवार को मनाया गया। इस दौरान झालावाड़ जिले में कई कस्बो में भी परम्परागत रुप से ताजिए निकाले गए। झालावाड़ शहर में मंगलवार को सुबह से ही अपने अपने मुकाम खड़े ताजियों को अकीदतमंदो ने उठाकर या अली या हुसैन की सदा के साथ व ताशे बजाते हुए बड़ा बाजार पहुंचाए। दोपहर में शहर के सभी ताजिए बड़ा बाजार सीमेंट रोड़ पर एकत्र किए गए। इस दौरान पूरे बाजार व सड़क पर ताजियों की कतार लग गई। इस दौरान ताजियों के सामने युवकों की टोली ने ताशे, बैन्ड, छान व ढ़ोल आदि लगातार बजाकर मातम मनाया। हुसैनी सोसायटी के जिला सदर सैय्यद राशिद अली ने बताया कि शहर में 45 बडे व 5 छोटे ताजिए निकाले गए।
-हुआ अखाड़े का प्रदर्शन
40 वें के मोहर्रम पर सीमेंट रोड़ पर खड़े ताजियों के सामने कलीम उस्ताद व महमूद पहलवान की अगुवाई में कई युवकों ने अखाड़े के एक से बढ़कर एक हैरत अंग्रेज करतब दिखाए। यहां पट्टाबाजी व तलवार घुमाने का युवकों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान छोटे बच्चों ने भी पट्टाबाजी में अपना हुनर दिखाया। इस दौरान ढोल बजते रहे। अखाडें का प्रदर्शन देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार सहित पहुंचे।
-कर्बला में किए ठंडे
दोपहर बाद सभी ताजिए सीमेंट रोड़ से कतारबद्व होकर कर्बला के लिए रवाना हुए। इस दौरान युवक या अली, या हुसैन के नारे लगा रहे थे। अकीदतमंदों ने इबादत की। मार्ग में कई जगह छबील लगाई गई। ताजियों का जुलूस बड़ा बाजार से सर्राफा बाजार, चौथमाता मंदिर के समाने, धोकड़े के बालाजी के सामने होकर गागरोन गेट पर पहुंचा। यहां तबर्रक तकसीम किया गया। इसके बाद शाम को धनवाड़ा के रास्ते से कालीङ्क्षसध नदी के काला कांकरा दह पर स्थित कर्बला तक ताजियों को ले जाया गया। यहां रात में ताजियों को ठंडा किया गया। इससे पहले सोमवार रात सभी ताजियों को मुकाम पर खड़ा कर दिया गया। इस अवसर पर रात में अकीदतमंंदो की जानिब से अल्लाह की याद के इमामबाडे पर लंगर भी किया गया।