पक्षियों की शरणस्थली बन रहा झालावाड़, गणना में नजर आए कई दुर्लभ पक्षी
झालावाड़Published: Jan 12, 2019 11:06:19 am
मूंडलिया खेड़ी तालाब में पहली बार नजर आए पेलिकनस, खंडिया तालाब में भी 1500 से ज्यादा पक्षी
Jhalawar becoming the shelter of birds, many rare birds seen in the calculation
झालावाड़. बर्ड डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हो चुके जिले में अब पक्षियों की तादाद बढ़ती जा रही है। यह जानकारी जिले के पांच जलाशयों पर की गई पक्षी गणना के दौरान सामने आई। एसीएफ. जयराम पांडेय व ओम प्रकाश जांगिड ने बताया कि पांच जनवरी जिले में मिड विंटर वॉटर फाउल सेंसस का कार्य शुरू हुआ। इसमें जिले के इसमें पक्षी विशेषज्ञ अनिल रोजर्स के साथ वाइल्ड लाइफ सांइस के स्टूडेंट्स, वॉलेंटियर्स, व वन विभाग के वन रक्षक व गार्डस नें इस बर्ड सेंसस के कार्य को अंजाम दिया। जिले के खंडिया, गोमती सागर, बड़बेली, रेवा डेम और मूंडलिया खेड़ी में कार्य हुआ। इस दौरान मुंडलिया खेड़ी में करीब 15 हजार पक्षी, रेवा डेम पर करीब 2 हजार, बड़बेली में करीब 1 हजार, खंडिय़ा में करीब 1500 व गोमती सागर में करीब 2 हज़ार पक्षियों को रिकार्ड किया गया।
मूंडलिया खेडी में पहली बार 7 से 8 ग्रट व्हाइट पेलिकन दिखे, इसके साथ ही व्हाइट टेल लेपविंग व ब्राउन श्राइक भी जिले में पहली बार रिकार्ड़ हुए। विभिन्न जलाशयों पर कॉमन कूट, नार्दन पिनटेल, नार्दन शॉवलर, कॉमन पॉचार्ड, टफ्टेड पॉचार्ड, रेड क्रेस्टेड पॉचार्ड, कॉमन टील, बार हेडेड गूज, रडी शेल डक, ग्रे लेग गूज़, पालास गल, ग्रेटर फ्लेमिंगो, ग्रेट व्हाइट पेलिकन, व्हाइट टेल लेपविंग, येल्लो वाटल्ड लेपविंग, लिटिल ग्रिब, कोटन पिगमि गूज़ व्हिलिंग टील, पेंटेड स्टॉर्क, ब्लैक स्टॉर्क, वूली नेक्ड स्टॉर्क, सेंडपाइपरस, स्टिंट, प्लोवरस, इग्रेट, शिकारी पक्षियों में मार्श हेरियर, ओस्प्रे सहित कई पक्षियों को इस बर्ड सेंसस के दौरान रजिस्टर किया गया। गणना में पक्षी विशेषज्ञ रोहित कोहली, सुरेंद्र शक्तावत, बनवारी यदुवंशी, वाइल्ड लाइफ सांइस के स्टूडेंट्स, वन विभाग के वन रक्षक, फोरेस्टर व गार्डस ने साथ दिया।