तीन माह से नही मिली तनख्वाह, कैसे मनेगी दीवाली
-नगर परिषद कर्मचारियों की व्यथा
तीन माह से नही मिली तनख्वाह, कैसे मनेगी दीवाली
तीन माह से नही मिली तनख्वाह, कैसे मनेगी दीवाली
-नगर परिषद कर्मचारियों की व्यथा
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. नगर परिषद के कर्मचारियों को गत तीन माह से वेतन नही मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों को आशंका है कि इस बार बगैर तनख्वाह के परिवार में दीवाली कैसे मनाई जाएगी। वहीं इस सम्बंध में नगर परिषद प्रशासन भी गम्भीर नही है। नगर परिषद में करीब 200 कर्मचारी तनख्वाह के इंतजार में है। इसमें करीब एक साल पहले लगे 111 सफाई कर्मचारी,पुराने करीब 65 कर्मचारी व करीब एक दर्जन मृत राजकर्मचारी शामिल है। इसी प्रकार ठेके पर लगे कर्मचारियों को भी वेतन नही मिल पाया है। इस सम्बंध में कर्मचारियों की ओर से कई बार सम्बंधित अधिकारियों को भी ज्ञापन दिया लेकिन कोई हल नही निकला। जबकि सरकार के व निजी कम्पनियों के कर्मचारियों को दीपावली पर समय पर वेतन के अलावा बोनस भी मिल जाता है। जबकि दशहरा पर भी नगर परिषद के कर्मचारियों को वेतन नही मिल पा रहा है इससे कर्मचारियों में रोष के साथ निराशा व्याप्त है।
-कर्मचारियों को समय पर वेतन नही मिला तो आंदोलन
इस सम्बंध में राजस्थान राज्य कर्मचार महासंघ के जिलाध्यक्ष राजेंद्र सोनी ने बताया कि नगर परिषद के कर्मचारियों को तीन माह से वेतन नही मिल पा रहा है। सबसे बड़े त्यौहार दीपावली पर अगर कर्मचारियों को वेतन नही मिला को संगठन की ओर से आंदोलन किया जाएगा।
-शीघ्र वेतन उपलब्ध हो जाएगा
इस सम्बंध में नगर परिषद आयुक्त दयावंती सैनी ने बताया कि नगर परिषद की फिलहाल आर्थिक स्थिति ठीक नही होने से कभी कभी वेतन के लिए परेशानी आ ती है लेकिन फंड के अनुसार बजट उपलब्ध होते ही कर्मचारियों को भी वेतन का भुगतान किया जाता है। दीवाली से पहले सभी कर्मचारियों को वेतन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।
बोर्ड की बैठक नही होने से भी रुका राजस्व
नगर परिषद में 18 मार्च 2019 को 24 पार्षदों ने स्तीफा दे दिया था इसके बाद बोर्ड की बैठक नही हो सकी इससे नगर परिषद की आय के बारे में निर्णय नही हो पाए व करीब इन 6 माह में नगर परिषद का होने वाला करीब 50 करोड़ का राजस्व अटक गया। बोर्ड की बैठक नही होने से शहर में निर्माण कार्य की अनुमति से होने वाली आय, शहर में नगर परिषद के खाली पड़े प्लाटों व जमीन की बेचने की योजना से होने वाली आय, विभिन्न स्थानों पर प्लाट काट कर कॉलोनी बनाने की योजना से होने वाली आय, नये ठेको से होने वाली आय, दुकानदारों से नये नियमों के तहत होने वाला किराया नामा , तहबाजारी का ठेके से होने वाली आय नही हो पाई इससे भी नगर परिषद का राजस्व रुक गया। 24 पार्षदों के स्तीफे के बाद बचे 11 पार्षदों को भी गत 6 माह से भत्ता व वेतन नही मिल पा रहा है।