अकलेरा से एक वेन में सवार 10 युवक हंसी खुशी से बारात में शामिल होने एमपी के माचलपुर के पास डूंगरी गांव गए थे। अकलेरा से माचलपुर करीब 60 किमी है और डूंगरी वहां से दो किमी है। शादी समारोह में शामिल होने के बाद रात को सभी युवक लौट रहे थे। 59 किमी का सफर पूरा भी कर लिया लेकिन मंजिल पर पहुंचने से पहले ही करीब 3 किमी दूर यह हादसा हो गया। नेशनल हाइवे 52 पर पचोला गांव के पास जहां हादसा हुआ वह अकलेरा से 3 किमी ही दूर है।
हादसे में जान गंवाने वाले सभी नवयुवक एक ही समाज के है। मृतकों की आयुक 16 से 33 वर्ष के बीच है। एक साथ आठ अर्थियां अकलेकरा नगर से गुजरी तो हर आंख नम हो गई। आठ युवाओं की चिताएं मुक्तिधाम पर एक साथ सजी जिन्हे देखकर परिजन व समाज बंधु बिलख उठे। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था।
घरों पर पसरा मातम मृतकों के परिवार वालों ने सोचा नहीं था कि ऐसा हो जाएगा। शादी से लौटकर अकलेरा पहुंचने वाले थे कि हादसा हो गया। ऐसे में मृतकों के घरों में मातम पसर गया। परिजनों को संभालना मुश्किल हो रहा है। एक मृतक की गर्भवत्ती पत्नी बार-बार बेसुध हो रही है। वहीं कई के परिजनों को कुछ समझ में नहीं आ रहा है जो बच्चे शादी में रात को हंसी-मजाक करते हुए शामिल हुए थे, अचानक से ये क्या हो गया।
मृतकों में चार एक ही परिवार चार मृतक एक ही परिवार के थे जिनमें अकलेरा निवासी रोहित, सोनू, रवि व रामकृष्ण आपस में चचेरे भाई थे। चारों की एक साथ अर्थियां देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखे भर आई।
कम पड़ गई जगह नगर के बारां रोड नेशनल हाईवे गणेश मंदिर के समीप मुक्तिधाम पर चार प्लेटफार्म है। यहां 8 शव एक साथ पहुंचे, तो जगह कम पड़ गई। एक ही समाज व परिवार के होने के कारण प्रत्येक प्लेटफार्म पर दो-दो चिताएं सजाई गई। हजारों की तादात में यहां पहुंचे नगर व क्षेत्रवासी आठ चिताओं को जलते देख हर शख्स की आंखें नम हो गई।वहीं हादसे में पूरे कस्बे में गमगीन माहौल हो गया। मोहल्ले में किसी के घर का चूल्हा नहीं जला।
पहले बेटा छोड़ गया, अब पोता मृतक रोहित अपने दादा के साथ रह कर पढ़ाई करता था। उसके दादा जावर थाने में एएसआई के पद पर कार्यरत है। रोहित के पिता की 12 वर्ष पहले ही मृत्यु हो गई थी। उसके पिता भी उसके दादा के इकलौती संतान थी। रोहित की मौत के बाद अब उसके दादा का वंश ही उजड़ गया।
12वीं की बोर्ड परीक्षा दी थी मृतक सोनू ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा दी थी। पिता मोहन लाल होमगार्ड में है। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। वे 2 भाई थे। पिता होमगार्ड की नौकरी से परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
पत्नी गर्भवती मृतक रविशंकर की शादी 2 वर्ष पहले ही हुई थी। पत्नी गर्भवती है, वह स्वयं मजदूरी करता था। जैसे ही पत्नी काे मौत की खबर लगी तो वो बेसुध हो गई। उसे संभालना मुश्किल हो रहा था।
तीन बच्चे हैं हेमराज के मृतक हेमराज फल का ठेला लगाकर परिवार का भरण-पोषण करता था। उसके 3 बच्चे है जिनमे सबसे बड़ा पुत्र 7 वर्ष, दूसरा पुत्र 4 वर्ष का व एक तीन माह की पुत्री है। पिता की करीब 15 वर्ष पहले मृत्यु हो गई। मां मजदूरी करने जाति है।परिवार में कमाने वाला हेमराज ही था।
परिवार की आर्थिक स्थिति खराब मृतक रोहित पुत्र जगदीश मोटरसाइकल मैकेनिक का काम करता था। पिता हम्माली करते है। 4 बहन-भाई है तीसरे नंबर का रोहित था। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है।
वेन लेकर गया था दोस्त की शादी में मृतक दीपक के पिता जय लाल ड्राइवर है। वह स्वयं की वैन लेकर दोस्त की शादी में माचलपुर के पास डूंगरी गांव गया था। वेन को बुकिंग पर चला कर घर खर्चा चलाता था। एक भाई सुरेश मैकेनिक का काम करता है। माता-पिता मजदूरी करते है।
मजदूरी कर चला रहा था परिवार मृतक अशोक कुमार स्वयं भी मजदूरी करता था, माता-पिता भी मजदूरी करते है। ये 4 भाई-बहन है। इकलौता था राहुल मृतक राहुल पढ़ाई करता था पिता भैरूलाल आर्मी से रिटायर हो गए। घर में एक ही बेटा था। एक बहन है। वह सारोला कलां का रहने वाला है
नाना पढ़ा रहे थे मृतक रामकृष्ण उर्फ राजू हरनावदा का रहने वाला है। वह अकलेरा में अपने नाना के पास रहकर 12वीं पढ़ाई कर रहा था। नाना कारीगरी का काम करते हैं। परिजनों को बंधाया ढांढस
मुक्तिधाम पर सांसद दुष्यंत सिंह, विधायक गोविंद रानीपुरिया, पूर्व विधायक कैलाश मीणा, पूर्व चेयरमैन बालकिशन यादव, उप जिला प्रमुख बैनाथ मीना, दानमल बागरी, बजरंग दल जिला संयोजक कालू लाल मीणा, आदित्य नागर, विनोद यादव, अनूप धौलपुरिया सहित बड़ी संख्या में अकलेरा व एमपी के लोग मौजूद रहे। वहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया ने घर पहुंच कर परिजनों को ढांढस बंधाया।
जैन समाज ने शोभायात्रा स्थगित की
- सड़क दुर्घटना में कस्बे के 9 युवकों की एक साथ मौत हो जाने पर कस्बा पूरे दिन गमहीन माहौल में रहा। व्यापारी वर्ग ने आधे दिन दोपहर तक दुकानें बंद रखकर श्रद्धांजलि दी। वहीं जैन समाज द्वारा महावीर जयंती के मौके पर निकलने वाली रथयात्रा को स्थगित कर सभा में श्रद्धांजलि अर्पित की। राजस्थान पेंशनर समाज उप शाखा अकलेरा के अध्यक्ष कैलाश पारेता सहित अन्य पेंशनर्स शव यात्रा में शामिल हुए और संवदेना व्यक्त की।