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नाचते-गाते पूरी की द्वारिकाधीश की परिक्रमा

locationझालावाड़Published: Jan 14, 2019 11:47:03 am

Submitted by:

jagdish paraliya

सर्दी में हरिनाम की गर्मी: दूर-दराज से पहुंचे श्रद्धालुओं ने लिया भाग, बाजारों में दिनभर रही रौनक, मेले में खरीदारी

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Dancer Summer of Harinam in winter

झालरापाटन. द्वारिकाधीश मंदिर की रविवार को आयोजित ५१वीं परिक्रमा में तेज सर्दी के बावजूद श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हरि भक्ति से सराबोर श्रद्धालु परिक्रमा के दौरान नाचते गाते पसीने से तरबतर हो गए। पूरे जोश व भक्ति भाव के साथ श्रद्धालुओं ने चार घंटे में परिक्रमा पूरी की।
पुष्टि भक्ति सत्संग समिति के तत्वावधान में द्वारिकाधीश मंदिर की परिक्रमा मंगलादर्शन के बाद सुबह ७.३० बजे शुरू हुई। जिसमें आधा दर्जन बैंड बाजों, ढोल नगाड़ो, कीर्तन मंडलियों व डीजे पर भजनों की धूम रही। हजारों महिला एवं पुरूषों ने भजनों पर नाचते गाते दूध की धार के साथ साढ़े तीन कौस की परिक्रमा की। ।
भजनों पर झूमे लोग
परिक्रमा के दौरान श्री कृष्ण: शरणम मम: जाप, शिवकला मण्डल के गायक प्रकाश बाथम, राजू बाथम व द्वारिकाधीश महिला मंडल की महिलाओं के म्हारे गोवर्धन महाराज थारे माथे मुकुट विराजे.. जैसे कृष्ण भजनों पर थिरकते व नाचते गाते श्रद्धालु पसीने में तर बतर हो गए। श्रद्धालु भगवान द्वारिकाधीश व बांके बिहारी के जयकारों के साथ आगे बढते जा रहे थे।
उम्र की परवाह नहीं
परिक्रमा में १० वर्ष के बालक से लेकर ८० वर्ष तक के बुजुर्गो ने भाग लिया। जिन्होंने बिना किसी थकान के साढे तीन कौसीय परिक्रमा पूरे जोश के साथ पूरी की।
इन मार्गों से निकली
द्वारिकाधीश मंदिर से पीपली बाजार, नगरपालिका तिराहा, राजकीय सैटेलाईट अस्पताल परिसर स्थित नागेश्वर महादेव मंदिर, गिन्दौर दरवाजा, नेमी नगर लालबाग होती हुई परिक्रमा दादाबाडी पहुंची। जहां श्रद्धालुओं ने चर्तुमुखी महादेव की परिक्रमा की। यहां से सूरजपोल दरवाजा, सेठों का चौराहा, पुरानी सब्जीमण्डी होते हुए सूर्य मंदिर पहुंची। श्रद्धालुओं ने भगवान पदमनाभ के दर्शन व सूर्य मंदिर की परिक्रमा की। परिक्रमा यहां से बडली का चबूतरा, इमली दरवाजा, उम्मेदपुरा, रलायता, कृषि उपज मण्डी मार्ग, भवानी मण्डी चौराहा होते हुए। सुबह ११.३० बजे द्वारिकाधीश मंदिर परिसर पहुंची। जहां परिक्रमा के साथ रथ में विराजमान भगवान द्वारिकाधीश के चित्र की महाआरती की गई। परिक्रमा गौमती सागर तालाब के चारों ओर खुले क्षेत्र में पहुंची तो दूर दूर तक उमडता हुआ जन सैलाब दिखाई दिया ।
बाहर से भी आए लोग
द्वारिकाधीश मंदिर की परिक्रमा में भाग लेने के लिए झालरापाटन व झालावाड़ के अलावा जिले के दूर दराज कस्बों व गांवों, हाडौती के कोटा, बूंदी, बांरा जिलों के कई स्थानों तथा पडौसी राज्य मध्यप्रदेश के उज्जैन, नीमच, राजगढ़, ब्यावरा, शाजापुर, गुना, जिले से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए।
परिक्रमा में आए श्रद्धालुओं ने द्वारिकाधीश मंदिर, श्रीमन नारायण मंदिर, नागेश्वर महादेव मंदिर, सूर्य मंदिर, संकट मोचन हनुमान मंदिर, चन्द्रमौलेश्वर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर, शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिरों में दर्शन किए।
जगह-जगह स्वागत
परिक्रमा का भाजपा मंडल अध्यक्ष महेश बटवानी, महामंत्री, मोहित गुप्ता, सुरेन्द्र डांगी, विजय मंूदड़ा, निर्मल दुआ, रामवल्लभ रावल, आदित्य सोनी, पार्षद यशोवर्धन बाकलीवाल, राधेश्याम चौरसिया, साधना गौड़ , बबीता सेठी, भाजपा नेता धर्मेन्द्र सेठी, पूर्व विधायक मोहनलाल राठौर, विजय सिंह राठौर, नगरपालिका उपाध्यक्ष चन्द्रप्रकाश लाला राठौर, देवसेना जिलाध्यक्ष देवकरण गुर्जर, पिन्टू पाठक, भाया गुर्जर, राजेन्द्र चौरसिया, अभिभाषक परिषद् के प्रीतमराय कुमावत, सुजान गुर्जर जितेन्द्र सोनी, सौम्या परिहार, सोमेश, अनुराग, सुरेन्द्र, चन्द्रावती ग्रोथ सेन्टर राधे राधे समिति, गिरिराज मित्र मंडल, योग समिति के प्रहलाद सिंह आमेठा, नरेन्द्र एडवोकेट, योगेन्द्र राठौर, राजेन्द्र गोयल, ब्रजेश सेन, नारायण लाल सुमन, नरेन्द्र चतुर्वेदी, मनीष मीणा, कन्हैया लाल राठौर, मधु शर्मा, मोहनलाल राठौर, गिरिराज शर्मा सहित विभिन्न संगठनों ने अल्पाहार कराकर व पुष्पवर्षा से स्वागत किया।
अन्नपूर्णा माताजी को 108 फीट लम्बी लाल चुनरी ओढ़ाई
मिश्रोली. कस्बे में रविवार को श्रदालुओ द्वारा अन्नपूर्णा माताजी मंदिर की पुरे कस्बे में नगर परिक्रमा लगाकर माताजी की प्रतिमा को 108 फीट की लाल चुनरी ओढ़ाई गई द्य सुबह आठ बजे नईआबादी स्तिथ अन्नपूर्णा माताजी मंदिर के दरवाजे से बैंडबाजे के साथ माताजी की चुनरी की व एक देवविमान की नगर परिक्रमा की यात्रा प्रारम्भ हुई द्य जिसमे श्रदालु भजन कीर्तन करते नृत्य करते माताजी के जयकारे लगाते चल रहे थे। परिक्रमा का जगह-जगह स्वागत किया गया। परिक्रमा कस्बे के बाहरी क्षेत्रो से होती हुई दोपहर में अन्नपूर्णा माताजी के मंदिर पर पहुची जहा विधि विधान के साथ माताजी की प्रतिमा को 108 फीट की लाल चुनरी ओढ़ाई गई।
कभी राम बनके …
झालरापाटन. श्रीमन नारायण मंदिर में शनिवार को मल मास के तहत महिलाओं ने भजन कीर्तन किए। महिलाओं ने कभी राम बनके कभी श्याम बनके चले आना…, मीठे रस से भरयोड़ी राधा रानी लागे…, श्याम तेरी बंशी पुकारे राधा नाम… जैसे भजन प्रस्तुत किए जिससे भाव विभोर होकर महिलाएं नृत्य करने लगी। आचार्य प्रेमशंकर शर्मा ने बताया कि मकरसकं्राति पर मंदिर में सुबह ५ बजे भगवान श्रीमन नारायण के पंचामृत महाभिषेक होंगे। भजन कीर्तन व सुबह खिचड़े की महाप्रसादी का वितरण होगा।
सोजपुर. मोतीसरजी महाराज के परिसर में चल रही भागवत कथा के छठे दिन श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह की मनोहर आकर्षक झाँकी सजाई। राधिका गौरी से बृज की छौरी से मैया करादे मेरो ब्याह…भजनों पर श्रद्धालुओं ने जमकर मंत्र मुग्ध होकर नृत्य किया। रविवार को कथावाचक पंडित मुकुट बिहारी शास्त्री ने कहां कि विवाह दो विशुद्ध आत्माओं का मिलन है जो सोलह संस्कारों में से एक है उन्होंने कहा कि संसार मे अलौकिक आनंद की प्राप्ति एश्वर्य कृपा संन्त अनुग्रह से ही संभव है। जिसने भक्ति रूपी धन अर्जित कर लिया उसे संसार को कोई भी वैभव प्रभावित नही कर सकता।मुख्य यजमान पूरणचंद नागर भागवत कथा की आरती की। सोमवार को हवन यज्ञ के बाद प्रसादी वितरण के साथ भागवत कथा का समापन होगा।
टूट रहे परिवार
झालरापाटन. तहसील के गंाव ढाबलीकलां में चल रही भागवत कथा में कथावाचक पंडित सुरेश नागर ने कहा कि मनुष्य का जन्म उसके कर्मों के अनुसार होता है। मनुष्य जीवन एक दुर्लभ जीवन है। कथावाचक ने कहा कि ८४ लाख यौनियों में सबसे उत्तम योनी मनुष्य जीवन की है जो कि कई पुण्य के बाद मिलती है हमें मिली इस योनी का उपयोग मानव सेवा व परोपकार के कार्य में करना चाहिए जिससे हमारा अगला भव भी सुधर सके। आज मनुष्य दूसरो के बारे में अधिक सोचता है जबकि अपनी आत्मा के कल्याण की सोच के लिए उसके पास समय नही है। भागवत सुनने एवं सतकर्म करने से पापो का नास होता है। संस्कार व आदर्श को त्याग दिए जाने से परिवार टूट रहे है। रिश्तों की मर्यादा खत्म होती जा रही है संस्कारों से ही परिवार की मर्यादा कायम रह पाती है। मनुष्य की भावना निर्मल होने पर ही मन निर्मल बनता है। धन तो मनुष्य के मन में अशांति पैदा करता है धन को सुख माना जाता है।
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