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पश्चिमी हवाओं ने बदला मौसम, बादल छाए, बूंदाबांदी हुई

locationझाबुआPublished: Feb 14, 2019 05:14:18 pm

अगले दो दिन ऐसा ही रहेगा मौसम, बादल छंटने पर तापमान में फिर आएगी गिरावट, पांच दिन में न्यूनतम तापमान में 9 डिग्री की बढ़ोत्तरी

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पश्चिमी हवाओं ने बदला मौसम, बादल छाए, बूंदाबांदी हुई

झाबुआ. पश्चिमी हवाओं ने बुधवार को मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया। बादल छाए और सुबह के वक्त हल्की बूंदाबांदी भी हुई। मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके त्रिपाठी के अनुसार अगले दो दिन मौसम ऐसा ही रहेगा। इसके बाद बादल छटेंगे और तापमान में मामूली गिरावटआ सकती है।
पिछले कुछ दिनों से चल रही उत्तर-पूर्वी हवाओं से अंचल में कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। दो दिन में हालात पूरी तरह बदल गए। अचानक पश्मिची हवाएं चलने लगी, जिससे अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बढ़ोत्तरी हुई और लोगों को ठंड से राहत मिली। इस बीच बुधवार को मौसम में पूरी तरह बदलाव आ गया। सुबह-सुबह अचानक आसमान में बादल उमड़-घुमड़ आए और बूंदाबंादी होने लगी, जिससे मौसम सुहाना हो गया। बादल पूरे दिन छाये रहे।
पश्चिमी विक्षोभ के चलते बादल छाए, बूंदाबांदी हुई

मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके त्रिपाठी ने बताया, पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बादल छाए और बूंदाबांदी हुई। पहले उत्तर-पूर्वी हवाएं चल रही थी। ये ठंडी हवाएं थी। फिर अचानक पश्चिम से गर्म हवाएं चलने लगी। इन हवाओं के साथ नमी भी आई। जब गर्म हवाएं और ठंडी हवाएं आपस में टकराई तो बादल बने और बूंदाबांदी हुई।
सात दिन में तापमान में इस तरह आया उतार-चढ़ाव

दि. अधि. न्यून.
13 फरवरी 33.2 13.0
12 फरवरी 30.4 9.4
11 फरवरी 26.5 6.0
10 फरवरी 24.2 5.0
09 फरवरी 22.8 4.0
08 फरवरी 24.0 5.6
07 फरवरी 30.0 13.4
क्या होता है पश्चिमी विक्षोभ

पश्चिमी विक्षोभ हवा की तरंगे होती है जो दो हजार किमी से लेकर तीन हजार किमी लंबी होती है। ये लगभग 30 से 40 डिग्री उत्तरी अक्षांश में पश्चिम से पूर्व की ओर चलती है। इसलिए इसे पश्चिमी विक्षोभ कहा जाता है।
क्या होता है असर

जब यह सिस्टम कहीं पर आता है तो 1.5 किमी से 5.8 किमी ऊंचाई पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात या द्रोणिका बनती है। कभी-कभी जमीन की सतह पर भी पश्चिमी विक्षोभ का असर रहता है, लेकिन यह स्थिति बहुत कम ही निर्मित होती है। जमीन पर हवा के कम दबाव वाला क्षेत्र बनने से बादल बनते हैं और कई बार बारिश हो जाती है। कभी-कभी गरज-चमक के साथ ओले भी पड़ते हैं। यह सिस्टम जब खत्म होता है तो तापमान में अचानक गिरावट आ जाती है।
आगे क्या

दो-तीन दिन बादल रहेंगे। इसके बाद तापमान कुछ कम होगा। मौसम केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार अधिकतम तापमान 27 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री तक रह सकता है।

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