कॉलेज मार्ग पर स्पीड ब्रेकर जरूरी : बढ़ती आबादी के साथ शहर में वाहनों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। चूंकि झाबुआ शहर की भौगोलिक स्थिति उतार-चढ़ाव वाली है, ऐसे में कई बार वाहनों की रफ्तार तय सीमा से अधिक रहती है। यही स्थिति कॉलेज मार्ग की है। इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों विद्यार्थी गुजरते हैं। वहीं आसपास के गांवों के ग्रामीणों की भी पूरे समय आवाजाही लगी रहती। चूंकि मार्ग पर ढलान के साथ मोड़ भी है। इसलिए यहां स्पीड ब्रेकर का निर्माण बेहद जरूरी था।
इसलिए बनाए जाते हैं स्पीड ब्रेकर
वाहनों की रफ्तार को 20 से 30 किमी प्रति घंटा तक पहुंचाना। ताकि सड़क हादसों के खतरे कम किए जा सके। स्पीड ब्रेकर की दूरी 80 से 110 मीटर की दूरी पर होना चाहिए।
ये हैं स्पीड ब्रेकर के मापदंड
ठ्ठ स्पीड ब्रेकर स्मूथ होने चाहिए ताकि वाहन की स्पीड कंट्रोल हो लेकिन झटका नहीं लगे। इसके ऊपर से गुजरने वाले किसी वाहन में बैठी सवारियों व ड्राइवर को कोई परेशानी न हो।
ठ्ठ ब्रेकर का कलर ऐसा होना चाहिए, जिससे वह दूर से ही नजर आ जाए।
नियमानुसार यह है आदर्श स्पीड ब्रेकर
ठ्ठ स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई 10 सेंटीमीटर, लंबाई 3.5 मीटर और वृत्ताकार क्षेत्र यानी कर्वेचर रेडियस 17 मीटर होना चाहिए।
&कॉलेज मार्ग पर स्थित पुराने 13 सीमेंटेड स्पीड ब्रेकर हटा दिए हैं। उनके स्थान पर सात डामरीकृत स्पीड ब्रेकर का निर्माण किया जा रहा है। इससे वाहन चालकों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। वहीं सड़क दुर्घटना का अंदेशा भी नहीं रहेगा।
एलएस डोडिया, सीएमओ, झाबुआ