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जीवन को महान बनने के लिए विनय जरूरी : साध्वी

locationझाबुआPublished: Sep 20, 2018 10:20:35 pm

तपस्वियों का बुहमान, दीक्षा व वर्षीतप पारणा महोत्सव की घोषणा

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जीवन को महान बनने के लिए विनय जरूरी : साध्वी

मेघनगर. जीवन को महान बनाने के लिए विनय जरूरी है। विनय गुण व्यक्ति को महान बना सकता है। जैन शासन विनयवान शासन है। विनयवान आत्मा जीवन मे ंकभी दुखी नहीं होगी। परमात्मा भगवान महावीर स्वामी ने एक ही बात बताई महान बनना है तो विनयवान बनना होगा। यह बात साध्वी अनेकांतलता ने प्रवचन में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक आत्मा में गुण और दोष होते हैं। हमारा दृष्टिकोण हमे महान बनाता है। आपने 6 प्रकार के आवश्यक चीजों के बारे मे भी बतलाया जो है, संतोष रखना, लज्जा में रहना, लक्ष्य का निश्चित होना, शारीरिक शक्ति अच्छी होना, गंभीर बनना व शांत रहना। यदि व्यक्ति जीवन में इन्हें धारण कर लेता है तो निश्चित वह अपने जीवन को परिवर्तन की ओर ले जाता है। अभा नवयुवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश धरू ने कहा कि परिषद परिवार पूज्य गुरूदेव पुण्य सम्राट के आदेश की पालना कर रहा है। आज हम आपके श्रीसंघ के दर्शन कर स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं। साथ ही आपने साध्वीश्री वं श्रीसंघ से परिषद परिवार की ओर से क्षमायाचना की। साथ ही 29-30 सितंबर को गच्छाधिपति श्रीमद्विजय नित्यसेन सूरीश्वर की निश्रा में आयोजित परिषद के वार्षिक सम्मेलन में अधिक से अधिक संख्या में परिषद साथियों से पहुंचने की अपील की। 11 अक्टूबर को पुण्य सम्राट की समाधि भूमि भांडवपूर में आयोजित होने वाले शिलापूजन के कार्यक्रम में पहुंचने की भी अपील की गई।
तपस्वियों का बुहमान
राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश धरू, महामंत्री अशोक श्रीश्रीमाल, राजेन्द्र दंगवाडा, संजय मेहता अतुल अडानी, प्रकाश तलेसरा, ब्रजेश बोहरा, उमेश पीचा, शांतिलाल गोखरू, दिनेश मामा, ने सिद्धीतप तपस्वीयों का बहुमान किया। त्रिस्तुतिक श्रीसंघ अध्यक्ष शान्तिलाल लोढा ने कहा कि परिषद अधिवेशन 29-30 सिंतबर को होगा। महामंत्री शैलेष भंडारी कहाकि समाज में रात्रि विवाह समारोह, रात्रि भोजन बंद होना चाहिए। राष्ट्रीय पदाधिकारियों का बहुमान एवं स्वागत त्रिस्तुतीक श्रीसंघ अध्यक्ष शांतिलाल लोढा, दिलीप कोठारी, शैलेश भंडारी, मनोहर चोरडिया, प्रमोद लुणावत, विमल मुथा, राकेश लोढा, जयेश भंडारी, देवेन्द्र जैन, दिविक कावडिया, राहुल लोढा, नरेन्द्र रांका, विशाल भण्डारी, अर्चित मुथा, घेवरमल मोदी शांतिलाल कांठी, जितेन्द्र जगावत, आदि ने किया।
दीक्षा व वर्षीतप पारणा महोत्सव की घोषणा
थंादला. आचार्य उमेशमुनि के शिष्य प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनि, गिरीशमुनि, चन्द्रेशमुनि ठाणा-3 और साध्वी संयमप्रभा, प्रज्ञाजी सुज्ञाजी, हितज्ञाजी, सौम्यप्रभाजी, रक्षाजी, प्रेक्षाजी ठाणा-7 के दर्शनार्थ वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के श्रावक-श्राविकाएं श्रीसंघ के अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत और सचिव प्रदीप गादिया के नेतृत्व में निकली चार दिवसीय दर्शन यात्रा के तहत मंगलवार को महाराष्ट्र के हिंगणघाट पहुंचे। जिनेन्द्रमुनि व मुनिमंडल और साध्वी संयमप्रभाजी एवं साध्वी मंडल इस वर्ष वर्षावास के लिए हिंगणघाट में विराजित है। यात्रा में मुमुक्षु मयंक प्रमोद पावेचा एवं उनके परिवारजन और करीबी रिश्तेदार शामिल थे।
हिंगणघाट में धर्मसभा के दौरान श्रीसंघ के पदाधिकारियों, सदस्यों और मुमुक्षु मयंक पावेचा के परिवारजन ने प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनि को दीक्षा का आज्ञा पत्र सौंपा। वही बलवाड़ी (सेंधवा) की मुमुक्षु नेहा महावीर सुराना का भी दीक्षा का आज्ञा पत्र बलवाड़ी संघ और परिजन ने सौंपा। इस अवसर पर मुमुक्षु नेहा सुराना भी उपस्थित थी।
थांदला श्रीसंघ ने प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनि से दीक्षा थांदला में प्रदान करने, 2019 का वर्षावास थांदला को प्रदान करने और अक्षय तृतीया पर होने वाले वर्षीतप के तपस्वियों के पारणे का लाभ थांदला संघ को प्रदान करने की विनंती की। बलवाड़ी संघ ने भी दीक्षा की विनंती की। संघ की विनंती को स्वीकार करते हुए जिनेन्द्रमुनि ने दीक्षार्थी मयंक पावेचा की जैन भगवती दीक्षा और अक्षय तृतीया पर वर्षीतप पारणा महोत्सव की स्वीकृति थांदला संघ को प्रदान की।
7 मई 201९ अक्षय तृतीया के दिन प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनि के मुखारविन्द से मुमुक्षु मयंक पावेचा सांसारिक जीवन का त्याग करके सयंम जीवन अंगीकार करेंगे। वही बलवाड़ी संघ की विनंती को स्वीकार करते हुए प्रवर्तकश्रीजी ने मुमुक्षु नेहा सुराना की जैन भगवती दीक्षा 10 फरवरी को बलवाड़ी में ही करने की घोषणा की। धर्मसभा में धर्मदास गण परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानचंद बुपक्या और थांदला श्रीसंघ, बलवाड़ी श्रीसंघ सहित विभिन्न क्षैत्रो के श्रीसंघों से 500 से भी अधिक श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।

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