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5 लाख का लोन स्वीकृत होने के 8 माह बाद भी राशि नहीं दी

locationझाबुआPublished: Aug 30, 2018 05:03:20 pm

Submitted by:

amit mandloi

हितग्राहियों से किश्त भरवाई जा रही ,

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झाबुआ। बामन सेमलिया के तीन युवकों द्वारा मु?यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत स्टेट बैंक की अज़ादचौक शाखा से लोन लिया था। बहुत समय बीतने के बाद भी स्वीकृत लोन की पूरी राशि खाते में जमा नहीं की गयी। बावजूद हितग्राहियों से किश्त भरवाई जा रही हैं। पासबुक बैंक ने अपने पास रख ली। और लोन खाते में जमा करने के लिए 25 प्रतिशत राशि का भुगतान करने की बात सामने आई है। जिसके लिए युवकों ने कलेक्टर आशीष सक्सेना और मु?यमंत्री को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई। कलेक्टर ने मामले को दिखवाने की बात कही है। दीपा भूरिया ने बताया की मु?यमंत्री कारीगर स्वरोजगार योजना में 5 लाख का लोन स्वीकृत होने के 8 माह बीत जाने के बाद भी लोन की राशि खाते में जमा नहीं की जा रही है। जबकि खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, जिला पंचायत से 30 जनवरी 2018 को भारतीय स्टेट बैंक शाखा अज़ादचौक में लोन देने के एवज में डेढ़ लाख रूपये शासकीय अनुदान का चेक भी भेज दिया गया। हितग्राही ने 4 लाख 70 हजार रूपये का सेंटिंग का सामान खरीदने के लिए व्यापारी से उधार पैसा लेकर काम शुरू किया। लोन जमा नहीं हो रहा और प्रतिमाह लोन की किश्त और उधार की राशि दोनों का भुगतान करना पड़ रहा है। अबतक लोन नहीं दिया गया। बार बार बैंक जाने पर 5 लाख रूपये की ग्यारंटी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए जाने के बाद खाते में राशी जमा करने की बात कही है। दीपा भूरिया ने बताया की काम करवाने के लिए 10 हजार रूपये नगद दिए थे। और ग्यारंटी के लिए 4500 का स्टा?प बनवाकर एक शासकीय कर्मचारी को जमानतदार बनाकर उपस्तिथ किया लेकिन बैंक द्वारा न ही लोन और न अनुदान की राशि खाते में डाली गयी।
शासकीय राशि के दुरूपयोग की बात पता चलने पर खादी ग्रामोद्योग के प्रबंधक द्वारा 24 जुलाई को भारतीय स्टेट बैंक अज़ादचौक शाखा प्रबंधक को पत्र क्रमांक 2018 ,18 2 लिखकर स्वीकृत लोन की राशि की सदुपयोगिता की जाँच के लिए जवाब भी मांगा था। इस पत्र में चेक क्रमांक 228 972 रूपये 1.5 लाख का अनुदान बैंक भेजने एवं बैंक द्वारा 5 लाख का लोन स्वीकृत करने के बाद हितग्राही के खाते में राशि जमा नहीं होने पर शासन की राशि का सदुपयोगीता की जानकारी पर जवाब मांगा। लगातार 8 माह से बैंक के चक्कर लगा कर परेशान होने के बाद इसकी शिकायत मु?यमंत्री और कलेक्टर से की। वहीं दूसरे मामले में जेमाल पिता धनसिंह भूरिया ने बताया की मई 2016 को मु?यमंत्री स्वरोजगार योजना में 5 लाख का लोन स्वीकृत होने के बाद 3 साल में सिर्फ 1 लाख रूपये फरवरी 2018 में खाते में जमा किये। न ही पासबुक दी जा रही है। नहीं ऋण फ़ाइल बताई जा रही है। इस दौरान मुझसे 9 ब्लेंक चेक ले लिए गए। तीसरे मामले में रंगा पिता रूपसिंह डामोर में बताया की उसके नाम पर 2016 में 3 लाख का लोन स्वीकृत किया गया था। एक लाख खाते में जमा करने के बाद बैंक वालों ने यह तक कह दिया की तु?हारे नाम से एक लाख रूपये ही स्वीकृत हुए ।ऋण फाइल भी नहीं दे रहे। और पासबुक भी नहीं दी जा रही। स्वीकृत लोन में से 1 लाख रूपये खाते में जमा करने के बाद । छ: किश्त में कुल 15 हजार रूपये भी जमा करवाये है। शेष 2 लाख लेने के लिए 2 साल से भटका रहे है। इसके लिए रंगा से 5 ब्लेंक चेक भी लिए जा चुके है। पासबुक भी बैंक में जप्त की जा चुकी है। मांगने पर भी फाइल नहीं नहीं दिखाई जा रही। तीनों युवकों ने इसकी शिकायत केक्टर व मु?यमंत्री से की है।
बैंक हर किसी को लोन नहीं दे सकती
बैंक हर किसी को लोन नहीं दे सकती। स्वीकृत हो गया तो क्या हुआ। हमारे बैंक के बहुत सारे लोन पेंडिंग है। बैंक में 2 करोड रुपए की रिकवरी है । क्या उसमें कोई मदद करेगा। बैंक के मामले देखने के लिए एलडीएम और मु?यमंत्री हैं। इसमें आम आदमी को नहीं पडऩा चाहिए। हर 3 माह में कलेक्ट्रेट में मीटिंग होती है । उसको बहुत लोग देखते हैं । आम लोग बैंक में फोन न लगाएं और मुझसे बात करने के लिए नहीं आएं। हमारा समय बर्बाद न करें।
लोकेन्द्र सिंह चौहान, मैनेजर एसबीआई आजाद चौक शाखा।

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