must read : उपभोक्ताओं की शिकायत दूर होने पर ही कर्मचारियों को जाने देंगे अपने घर विधायक पद से दिया इस्तीफा रतलाम लोकसभा में कांग्रेस के कद्दावर आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया को गुमानसिंह डामोर ने पराजित किया था। संगठन स्तर पर उन्हें झाबुआ विधानसभा से इस्तीफा दिलाने का निर्णय लिया। दरअसल पूरे मप्र में गुमानसिंह डामोर ही एक मात्र ऐसे विधायक थे जिन्हें पार्टी ने लोकसभा का टिकट दिया था। वे पार्टी के भरोसे पर खरे भी उतरे और उन्होंने कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को करारी शिकस्त दी।
must read : पति चिल्लाता रहा, कल्पना बचा लो मुझे, ये लोग मार डालेंगे और फिर हुआ ये … उनके सांसद चुन लिए जाने के बाद भाजपा के समक्ष एक नई स्थिति निर्मित हो गई थी। यदि पार्टी झाबुआ विधानसभा में उप चुनाव में जाती तो मप्र में उनका एक विधायक कम हो जाता। वहीं यदि सांसद के उप चुनाव में उतरती है तो फिर नए सिरे से सारी कवायद करनी पड़ती। ऐेसे में पार्टीस्तर पर मंथन चल रहा था। आखिरकार प्रदेश संगठन ने तय कर लिया कि गुमानसिंह डामोर विधायक पद से इस्तीफा देंगे। इससे पार्टी की पूरे संसदीय क्षेत्र में पकड़ बनी रहे।