निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम एमएल मालवीय के समक्ष उन्होंने नामांकन वापसी की प्रक्रिया पूरी की। यहां पूर्व जिलाध्यक्ष मनोहर सेठिया भी मौजूद थे। जिस वक्त बिलवाल नामांकन वापस ले रहे थे उस दौरान बाहर पूर्व जिलाध्यक्ष शैलेष दुबे, भाजपा जिला महामंत्री प्रवीण सुराणा, नगर मंडल अध्यक्ष बबलू सकलेचा सहित कई नेता खड़े थे। हालांकि विधायक ने किसी से बात नहीं की। एक साथ तीन बागियों के नाम वापस लिए जाने से भाजपा को काफी राहत मिली है।
मैंने पहले ही कहा था कि कार्यकर्ताओं में आक्रोश है और उनकी इच्छा पर ही मैंने पार्टी के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में फॉर्म भरा था। बाद में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से चर्चा हुई। हमारा लक्ष्य मिशन-2019 है और नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाना है। मुझे जो विरोध दर्ज कराना था वो करा दिया। ये पार्टी के आलाकमान को महसूस हुआ है। पार्र्टी ने भी स्वीकार किया हैकि हमसे गलत निर्णय हुआ है, लेकिन 2019 को देखते हुए उन्होंने कहा है कि आपको पार्टी के पक्ष में खड़ा रहना होगा। 2018 मिशन भी है, लेकिन उससे बड़ा मिशन 2019 है। मैं पार्टी के साथ वापस खड़ा हूं।
झाबुआ विधानसभा में कांग्रेस से बागी उम्मीदवार के रूप में जेवियर मेड़ा मैदान में हैं। दो-तीन रोज से चर्चा चल रही थीं कि वे नाम वापस ले लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है। झाबुआ में कांग्रेस ने सांसद कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ.विक्रांत भूरिया को जिस दिन अपना उम्मीदवार घोषित किया उस दिन से ही पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा खुलकर उनके विरोध में उतर गए। मेड़ा को राहुल गांधी के साथ ही प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया का खास माना जाता है। संभावना थी वे कि अंतिम दिन वे अपना नाम वापस ले लेंगे। परंतु जेवियर नहीं आए। जिससे तय हो गया कि वे निर्दलीय चुनाव लडेंग़े।
झाबुआ. विधानसभा क्षेत्र झाबुआ से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी डॉ.विक्रांत भूरिया के विरूद्ध पार्टी विरोधी कार्य करने एवं निर्दलीय चुनाव लडऩे के कारण कांग्रेस ने जेवियर मेड़ा को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता ने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर मप्र कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं संगठन मंत्री चंद्रप्रभाश शेखर ने कांग्रेस प्रत्याशी के विरूद्ध चुनाव लडऩे पर जेवियर मेड़ा को निष्कासित किया है।
पेटलावद. पेटलावद में कांग्रेस के पांच बागियों और भाजपा के एक बागी ने नाम वापस ले लिया। अब 7 प्रत्याशी चुनावी दौड़ में बचे हैं। प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होने के बाद कांग्रेस में यहां जमकर बगावत हो गई थी। कुछ पदाधिकारियों ने पद से इस्तीफे दे दिए थे। कांग्रेस नेत्री एवं जिला पंचायत सदस्य कलावती गेहलोत, पूर्व जनपद अध्यक्ष हीरालाल डाबी, जिला पंचायत सदस्य अकमाल मालू डामोर, सुरसिंह डामर व कलसिंह भूरिया ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नाम निर्देशन पत्र भर दिए। वहीं भाजपा से अमरसिंह भूरिया ने नामांकन भरा था। नाम वापसी के अंतिम दिन इन सभी 6 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए।
थांदला. नाम वापसी के बाद थांदला में प्रत्याशियों की स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो गईहै। भाजपा के बागी जिन्होंने मिलकर भाजपा बचाओ समिति (बीबीसी) बनाई थी उनमें से चार प्रत्याशियों ने अंतिम दिन अपने टीम के सदस्य एवं निर्दलीय प्रत्याशी दिलीपसिंह कटारा के समर्थन में नामांकन वापस ले लिए। कांग्रेस के तीन बागी उम्मीदवार जिन्होंने कांग्रेस बचाओ समिति (केबीसी) का गठन करने में अहम भूमिका निभाई थी उन्होंने भी नामांकन वापस ले लिए। थांदला में 15 प्रत्याशियों ने दावेदारी जताई थी। अंतिम दिन इनमें से 7 ने नामांकन वापस ले लिए।
भाजपा के बागी और भाजपा बचाओ समिति के सदस्य रमसू कसना पारगी, रमेशचंद रंगजी बारिया, प्रेमसिंह बहादुरसिंह भाबर व सुशीला प्रेमसिंह भाबर ने दिलीप कटारा के समर्थन में नाम वापस लिया। ये चारों भाजपा प्रत्याशी कलसिंह भाबर का विरोध कर रहे हैं। इसी तरह कांग्रेस के बागी एवं कांग्रेस बचाओ समिति के सदस्य चेनसिंह गलाल डामोर, जसवंत पिता रतनसिंह भाबर व संजय रामसिंह निनामा ने भी नामांकन वापस ले लिया।