विश्विद्यालय में करीब 12 बजे उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा पहुंचे थे। उनके साथ मंच पर कुलपति के साथ भाजपा सांसद रामचरित्र निषाद, राज्यमंत्री गिरीश चंद यादव, जाफराबाद विधायक डॉ हरेंद्र सिंह, एमएलसी बृजेश सिंह आदि भी मौजूद थे। कार्यक्रम शुरू होने के कुछ देर बाद ही कुलपति ने मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री और राज्यमंत्री को सम्मानित किया। इसके बाद राज्यमंत्री को संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया और वो कुर्सी छोड़कर माइक की तरफ बढ़ गए। इस दौरान बगल में बैठे सांसद को सम्मानित नहीं किया गया। तभी किसी ने उन्हें टोका तो उन्होंने काफ़ी देर बाद अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किसी तरह उन्हें सम्मानित किया। वहीं राज्यमंत्री को बिना संबोधन के वापस कुर्सी ग्रहण करनी पड़ी। सांसद तो सम्मानित हो गए लेकिन जफराबाद विधायक और एमएलसी छूट गए। इस पर वहां मौजूद लोग हंसने और टिप्पणी करने लगे। फिर गलती का एहसास हुआ तो कहीं से ढूंढ कर एक स्मृति चिन्ह मंगाया गया। विधायक को सम्मानित करने के दौरान साथ खड़े एमएलसी को भी वही स्मृति चिन्ह थमा दिया गया। इसके बाद कार्यक्रम की आयोजन समिति एक दूसरे का मुंह ताकते रहे। मंच पर पैदा हुई इस असहज स्थिति की खूब चर्चा होती रही।