केराकत क्षेत्र कोतवाली के कटका निवासी गोविंद राम की 28 वर्षीय पत्नी अंजू देवी गर्भवती थीं। सोमवार को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन दोपहर लगभग एक बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां किसी डाक्टर के न होने पर सीधे लेबर रूम में चले गए। वहां मौजूद स्टाफ नर्स ने अंजू को देखने के बाद कहा कि अभी प्रसव होने में समय है इसलिए घर ले जाइये। अंजू लाख कहती रही कि उसे तेज़ दर्द है लेकिन उसे टरका दिया गया। अस्पताल से बाहर निकलने से पहले वो बाथरूम में गई थी। अचानक तेज दर्द हुआ और उसने वहीं बच्ची को जन्म दे दिया।
इसके बाद अस्पताल में हड़कम्प मच गया। लेबर रूम में मौजूद स्टाफ नर्स एवं अन्य कर्मचारी भाग कर वहां पहुंची और महिला को लेकर लेबर रूम में गईं। उधर बच्चे का नाड़ा खिंचाव से टूटने पर प्रसूता बेहाशी की हालत में पहुंच गयी। इस तरह की लापरवाही से महिला के परिजन आक्रोशित हो गये। सभी विभाग पर जानलेवा बीमारी का आरोप लगा हंगामा कराने लगे। किसी तरह सभी को शांत कराके घर भेजा गया। सीएमएस डा. रामसेवक सरोज ने कहा कि महिला को लेबर रूम के बाहर रखा गया था। वह बाथरूम में गई वहीं उसने बच्ची को जन्म दिया। अस्पतालकर्मियों ने कोई लापरवाही नहीं की है।
By Javed Ahmad