टीडी कॉलेज छात्र संघ चुनाव एनएसयूआई के लिए प्रतिष्ठा हुआ करती थी। इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी एड़ी-चोटी लगा देते हैं। दिल्ली तक से लोग यहां प्रचार करने चले आते हैं। वर्ष 2003 में तो अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की अध्यक्ष रागिनी नायक यहां चली आई थीं। उस समय पूर्व विधायक नदीम जावेद एनएसयूआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे। इसके आलावा हर चुनाव में जिला कांग्रेस, यूथ कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता एनएसयूआई के पैनल को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक दिया करते थे। इस बार मामला कुछ अलग है। एनएसयूआई चुनावी मैदान में है ही नहीं। सूत्रों की माने तो एनएसयूआई से चुनाव लड़ने के लिए कोई उम्मीदवार ही नहीं मिला। इसकी वजह पार्टी की अंदरूनी कलह भी बताई जा रही है। पार्टी की इस स्थिति को संभालने के लिए ज़िले का शीर्ष नेतृत्व भी चुप्पी साधे है। कई कांग्रेसी ने इशारों में बताया कि हाल में ही एनएसयूआई का नया अध्यक्ष शिखर द्विवेदी को बनाया गया है। शायद इसी लिए पैनल घोषित नहीं किया गया। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष इन्द्रभुवन सिंह ने बताया कि इस मामले से कांग्रेस का कोई लेनादेना नहीं है। एनएसयूआई ही इसके लिए ज़िम्मेदार है।
By-Javed Ahmed