मछलीशहर संसदीय सीट पर लड़ाई रोचक हो गई है। पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे बसपा के बीपी सरोज पर इस बार भाजपा ने दांव लगाया है, जो चुनाव हारने के बाद भी जनता के बीच रहे और ऐन वक्त पर भगवाधारी हो गए। ऐसे में इस सीट पर भाजपा का पलटा कुछ भारी नजर आ रहा है, लेकिन सपा-बसपा गठबंधन से इंजीनियर टी राम चुनावी मैदान में हैं।
कांग्रेस का नहीं खत्म हो रहा वनवास
इस सीट के मतदाता दलों को ताश के पत्तों की तरह फेंटते रहे हैं। बात अगर प्रारंभ के तीन चुनाव की करें तो कांग्रेस का परचम लहराया। इसके बाद बीएलडी, जनता पार्टी, जनता दल, भाजपा और फिर बसपा-सपा ने बाजी मारी। कांग्रेस वनवास तीस साल से खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। इस सीट के निर्णायक पिछड़े और दलित मतदाता हैं।
इस सीट के मतदाता दलों को ताश के पत्तों की तरह फेंटते रहे हैं। बात अगर प्रारंभ के तीन चुनाव की करें तो कांग्रेस का परचम लहराया। इसके बाद बीएलडी, जनता पार्टी, जनता दल, भाजपा और फिर बसपा-सपा ने बाजी मारी। कांग्रेस वनवास तीस साल से खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। इस सीट के निर्णायक पिछड़े और दलित मतदाता हैं।
यहीं से जीतने के बाद पीएम बने थे पं. नेहरू
देश में हुए पहले आम चुनाव में मछलीशहर फूलपुर संसदीय क्षेत्र में था। उस समय फूलपुर से जवाहर लाल नेहरू चुनाव जीते थे, जो देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे। 1962 में मछलीशहर सीट स्वतंत्र लोकसभा क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में आ गई। इस सीट का परिसीमन कई बार समय-समय पर बदलता रहा। मौजूदा समय में मछलीशहर, मडिय़ाहूं, जफराबाद, केराकत और वाराणसी का पिंडरा विधानसभा क्षेत्र आता है। 2009 के चुनाव से यह सीट सुरक्षित श्रेणी में आ गई है।
मछलीशहर लोकसभा क्षेत्र
अब तक मछली शहर के सांसद
पिछले चुनाव पर एक नजर
लोकसभा क्षेत्र | पुरूष | महिला |
मड़ियाहूं | 166524 | 146226 |
मछलीशहर | 198401 | 174042 |
जफराबाद | 195900 | 173868 |
केराकत | 203468 | 193519 |
अब तक मछली शहर के सांसद
सन् | सांसद | पार्टी |
1962 | गनपत राम | कांग्रेस |
1967 | मंगेश्वर | कांग्रेस |
1971 | नागेश्वर द्विवेदी | कांग्रेस |
1977 | राज केशर सिंह | बीएलडी |
1980 | शिव शरन वर्मा | जेएनपी |
1984 | श्रीपत मिश्र | कांग्रेस |
1991 | शिव शरन वर्मा | जनता दल |
1996 | राम विलास वेदांती | भाजपा |
1998 | चिन्मयानंद | भाजपा |
1999 | चंद्रनाथ सिंह | सपा |
2004 | उमाकांत यादव | बीएसपी |
2009 | सरोज तूफानी | सपा |
2014 | राम चरित्र निषाद | भाजपा |
प्रत्याशी | पार्टी | मत |
रामचरित्र निषाद | भाजपा | 438210 |
बीपी सरोज | बसपा | 266055 |
तूफानी सरोज | सपा | 191387 |
तूफानी निषाद | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 36275 |
सुबास चंद्र | कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया | 18777 |
वीरेंद्र कुमार सोनकर | आम आदमी पार्टी | 9223 |
श्रवण कुमार पासवान | निर्दल | 7833 |
हरिनाथ | निर्दल | 5269 |
राजेश सोनकर | निर्दल | 4362 |
ओम प्रकाश | निर्दल | 2608 |
हरी | सुभासपा | 2669 |
सिकंदर | बहुजन मुक्ति मोर्चा | 2114 |
राजेश | जनता दल(यू) | 1552 |
लालजी | भारतीय शक्ति चेतना पार्टी | 1543 |
सुरेश गौतम | आदर्श राष्ट्रीय विकास पार्टी | 1467 |
केराकत क्षेत्र के अंतर्गत मई गांव में 15 साल गुजर जाने के बाद भी उसकी टीस बरकार है। 2004 नाव से नदी पार करते वक़्त नाव डूब जाने से पांच से छह लोगों को मौत हो गई थी।वर्तमान में भी यहां के लोगो को नदी पार कर जिला मुख्यालय जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है या फिर 30 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। अगर ये पुल बन जाता है तो जिलामुख्यालय जाने के लिए लोगो के मात्र 18 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी।
पंद्रह वर्ष पूर्व ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बाद बसपा शासन काल मे पुल की स्वीकृति मिली। जो 9 साल बीत जाने के बाद भी आज तक तैयार नही हो पाया। आस-पास के गांव के ग्रामीणों ने पुल का काम पूरा किए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और शासन को चेतवानी दी कि पुल नहीं तो वोट नहीं ।
क्षेत्र के मई घाट पर दो दर्जन गाव के लोगो की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 15 सितंबर 2011 में तत्कालीन बसपा सरकार में 4 करोड़ 22 लाख की लागत से नाबार्ड वित्त पोषित योजना के अंतर्गत मई पसेवा मार्ग पर बसपा सरकार के मंत्री निसिमुद्दीन सिद्दीकी ने इस पुल की नींव रखी थी। जिसका समय भी 18 महीने निर्धारित किया गया था, लेकिन 9 साल बीत जाने के बाद भी पुल का निर्माण कार्य अधूरा है और काम पूरी तरह बंद है। जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है।
BY-Javed Ahmed UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर .. UP Lok sabha election Result 2019 से जुड़ी ताज़ा तरीन ख़बरों, LIVE अपडेट तथा चुनाव कार्यक्रम के लिए Download करें patrika Hindi News App .