मामला बिगड़ता देख पुलिस ने गांव के प्रधान पति सहित चार नामजद व एक अज्ञात पर एससी- एसटी का मुकदमा दर्ज किया। लगभग दो घण्टा तक चलने वाला धरना तब समाप्त हुआ जब पुलिस ने एफआईआर की कॉपी परिजनों को सौंपी।
जिला पंचायत सदस्य कुसुम कन्नौजिया दिन में करीब 10 बजे सौ से अधिक समर्थकों के साथ थाना परिसर में पहुंची। परिसर में बने पक्के कुएं के चबूतरे पर समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गईं। आरोप लगाया कि गांव में प्रधान के प्रस्ताव से पास प्रधानमंत्री आवास योजना की जांच कराई जा रही थी कि अधिकारियों के सामने ही प्रधानपति ने आधा दर्जन लोगों के साथ उनके पति को गाली देते हुए पीट दिया। उनके कपड़े भी फाड़ को फाड़ दिए।
उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि एससी- एसटी का मुकदमा दर्ज मारने के बजाए उनके पति को रातभर थाने में बैठाए रखा। धरना चलता देख थोड़ी ही देर में थानाध्यक्ष संजय यादव भी वहां आ गए और उनको समझाने लगे कि अधिकारी आ रहे हैं। बातचीत के बात मुकदमा दर्ज होगा। उनके समझाने के बाद भी समर्थन नहीं माने और वो प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठे रहे। लगभग एक घण्टे बाद सीओ सदर विनय द्विवेदी वहां पहुंचे।
मामले की जानकारी कर शिक्षक फुर्तीलाल कन्नौजिया के तहरीर पर गांव के प्रधानपति वीरेन्द्र कुमार यादव, सुरेश कुमार यादव, लक्ष्मी शंकर, बृजेश यादव को नामजद करते हुए एक अज्ञात पर एससी- एसटी सहित मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया।
तहरीर की कॉपी लेने के बाद ही वे सब थाना परिसर से बाहर निकले। उधर प्रधानपति वीरेन्द्र ने भी थाने पर तहरीर दी है कि फुर्तीलाल अपने डेढ़ सौ समर्थकों के साथ उनके घर लाठी लेकर आए। अधिकारियों के सामने ही जबरन लाभार्थी का आवास कटवाने लगे और फिर उन्हें व समर्थकों को मारने – पीटने लगे।
BY- JAVED AHMED