तहसीलदार अजय कुमार ने बताया कि मड़ियाहूं -जौनपुर मार्ग से सटेमईडीह व कुंभ, जगन्नाथपुर, चकदीशपुर, बदौवा, जोगापुर, बरहीला, कोतवाली व श्रीपालपुर की जमीनी सर्वे आबादी को छोड़कर की गई है। इसमें आबादी को छोड़कर लगभग 2000 एकड़ जमीन मिल रही है। शेष जमीन को कवर करने के लिए इस से सटे गांव को मिलाना पड़ेगा। एयरपोर्ट के लिए जगह तलाशने की खबर से स्थानीय लोग काफी उत्साहित हैं। बनारस एयरपोर्ट का दबाव कम करने के लिए जौनपुर में एयरपोर्ट बनाने को लेकर योजना तैयार की गई है। इसके लिए सभी उपजिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है। शासन स्तर पर रिपोर्ट भेजने के बाद एयरपोर्ट बनाने को लेकर रास्ता साफ होगा।
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जौनपुर. निर्धनता, बाल श्रम, बाल विवाह, भूण हत्या, उहेज अपराध, वैश्या वृत्ति मानव तस्करी आदि अनेक ऐसे मुद्दे जहां मानवाधिकार हनन स्पष्ट दिखता है। जिससे यह साबित होता है 10 दिसम्बर 1984 को घोषित सार्वभौमिक घोषणा पत्र आज तक जमीनी स्तर पर लागू नहीं हो पाया। उक्त बाते अन्र्तराष्ट्रीय मानवाधिकार के अवसर पर जन विकास संस्थान एवं आक्सास इण्डिया के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को वाजिदपुर तिराहा से गांधी तिराहा तक जागरूकता कार्यक्रम एवं मानव श्रृंखला कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जनकल्याण के निदेशक राज मणि ने कही।
जौनपुर. निर्धनता, बाल श्रम, बाल विवाह, भूण हत्या, उहेज अपराध, वैश्या वृत्ति मानव तस्करी आदि अनेक ऐसे मुद्दे जहां मानवाधिकार हनन स्पष्ट दिखता है। जिससे यह साबित होता है 10 दिसम्बर 1984 को घोषित सार्वभौमिक घोषणा पत्र आज तक जमीनी स्तर पर लागू नहीं हो पाया। उक्त बाते अन्र्तराष्ट्रीय मानवाधिकार के अवसर पर जन विकास संस्थान एवं आक्सास इण्डिया के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को वाजिदपुर तिराहा से गांधी तिराहा तक जागरूकता कार्यक्रम एवं मानव श्रृंखला कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जनकल्याण के निदेशक राज मणि ने कही।
उन्होंने बताया कि, मानवाधिकार को रोकने के लिए सोच में बदलाव ही एक बड़ा तरीका हो सकता है। क्योंकि मानव के बीच परस्पर किया जाना वाला नकारात्मक व्यवहार ही मानवाधिकार हनन को बढ़ावा देता है। सामाजिक कार्यकर्ता कंचन ने कहा कि, भारत सहित अधिकतर देशो में महिलाओं के मानवाधिकार के हनन के मामले प्रमुखता से सामने आते हैं।
महिलाओं के साथ घरेलू हिसा लगातार बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए कानून ही काफी नहीं है। समाज तथा सरकार के साथ पीड़ित को आत्म विश्वास को बढ़ाकर नेतृत्व की आवश्यकता है। निसार अहमद ने बताया कि मानव अधिकार किसी भी इंसान की जिन्दगी, आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकारी होता है। महाजन अली, शिव प्रकाश, अमृत लाल, मनोज कुमार, किरन दुबे, प्रियंका यादव ने भी सम्बोधित किया। बक्शा और मछली शहर की महिलाओं ने भाग लिया।
input- जावेद अहमद