बेरोजगार युवक काम से निकाले जाने से क्षुब्ध होकर मामले की शिकायत सोमवार को कलक्टर के पास लेकर पहुंचा और अपनी आप बीती बताते हुए नौकरी में रखने की गुहार लगाई। ईई पटेल के द्वारा निकाले गए युवक का नाम अमृत कुमार पिता महावीर कुमार जाति उरांव है। उसने कलक्टर को दिए शिकायत पत्र में लिखा है कि जातिगत भेदभाव की वजह से ईई पटेल ने पांच साल के काम को देखे बिना एक पल में ही मुझे काम से निकाल दिया।
खाना नहीं पकाने की बात पर मिली सजा : प्रभारी ईई पटेल के खिलाफ कलक्टर के पास शिकायत लेकर पहुंचे एमएमजीएसवाई में काम करने वाले भृत्य अमृत कुमार ने बताया कि वह १७ दिसंबर २०१५ से विभाग में कार्यरत था। उसे विभाग के तत्कालीन ईई विजय कुमार राम ने रखा था। वह ऑफिस का काम करता था और ईई राम का खाना भी बनाता था। इस दौरान उसे ईई राम अमृत को उसके मानदेय ८५०० के साथ ही घर आने-जाने के लिए अलग से पेट्रोल खर्च दिया करते थे। लेकिन उनके ट्रांसफर हो जाने के बाद प्रभारी ईई पटेल के घर खाना बनाने के लिए वह सुबह ६.३० बजे जाता और उसके बाद किराए में रह रहे अपने रूम में जाता और अपने लिए खाना बनाता। इस बीच आने-जाने में उसे पेट्रोल खर्च करना पड़ता था। कुछ दिनों तक वह ऐसा करता रहा लेकिन बाद में उसे आर्थिक संकट से जूझना पड़ा, क्योंकि से जो भी मानदेय मिलता था उसे वह अपने बूढ़े-मां बाप के पास मनोरा पकरीटोली भेजता था। पेट्रोल डलाने के लिए रकम नहीं होने की वजह से उसने ईई पटेल को खाना बनाने में असमर्थता जता दी। जिससे नाराज होकर ईई ने उसे ऑफिस में दिखाई तक नहीं देने की घुडक़ी देते हुए काम से निकाल दिया।
रायपुर-अंबिकापुर भेजने की सजा : पीडि़त बेरोजगार अमृत कुमार ने बताया कि ईई पटेल को जब उसने खाना बनाने से मना कर दिया तो उन्होंने काम से निकालने के बजाए सीईओ कार्यालय रायपुर या एसई कार्यालय अंबिकापुर जाने की सलाह देते हुए कहा कि वहां तुम्हें बुलाया गया। इस संबंध में अमृत का कहना है कि ८५०० की अस्थाई नौकरी में बाहर जाना संभव नहीं है। इसलिए ईई ने स्पष्ट कह दिया जशपुर का काम भी छोड़ दो। अमृत ने कहा कि इतने कम मानदेय में रायपुर में काम करना संभव नहीं है।
जातिगत भेदभाव का लगाया गया आरोप : पीडि़त अमृत कुमार ने कलक्टर से ईई पटेल के खिलाफ शिकायत करते हुए कहा कि ईई जातिगत भेदभाव करते हैं। यही वजह से है कि एक आदिवासी होने की वजह से मुझे काम से निकाल दिया गया। उसने कलक्टर से अपना कार्य पुन: दिलाने की गुहार लगाई है।
& मेरे द्वारा किसी प्रकार की जातिगत भेदभाव किसी कर्मचारी से नहीं की गई है। अमृत कुमार नियमित काम पर नहीं आता था और जब कभी आता तो वह शराब के नशे में धुत रहता था इसलिए उसे काम से निकाला गया।
एमएम पटेल, ईई एमएमजीएसवाई जशपुर
रायपुर-अंबिकापुर भेजने की सजा : पीडि़त बेरोजगार अमृत कुमार ने बताया कि ईई पटेल को जब उसने खाना बनाने से मना कर दिया तो उन्होंने काम से निकालने के बजाए सीईओ कार्यालय रायपुर या एसई कार्यालय अंबिकापुर जाने की सलाह देते हुए कहा कि वहां तुम्हें बुलाया गया। इस संबंध में अमृत का कहना है कि ८५०० की अस्थाई नौकरी में बाहर जाना संभव नहीं है। इसलिए ईई ने स्पष्ट कह दिया जशपुर का काम भी छोड़ दो। अमृत ने कहा कि इतने कम मानदेय में रायपुर में काम करना संभव नहीं है।
जातिगत भेदभाव का लगाया गया आरोप : पीडि़त अमृत कुमार ने कलक्टर से ईई पटेल के खिलाफ शिकायत करते हुए कहा कि ईई जातिगत भेदभाव करते हैं। यही वजह से है कि एक आदिवासी होने की वजह से मुझे काम से निकाल दिया गया। उसने कलक्टर से अपना कार्य पुन: दिलाने की गुहार लगाई है।
& मेरे द्वारा किसी प्रकार की जातिगत भेदभाव किसी कर्मचारी से नहीं की गई है। अमृत कुमार नियमित काम पर नहीं आता था और जब कभी आता तो वह शराब के नशे में धुत रहता था इसलिए उसे काम से निकाला गया।
एमएम पटेल, ईई एमएमजीएसवाई जशपुर