कांटा चुभाने की मान्यता : श्राप देने एवं जीभ पर कांटा चुभा कर प्रायश्चित करने के पीछे एक ऐसी मान्यता छिपी हुई है, जो भाई-बहन के प्रेम को अटूट और अक्षुण बनाने का कार्य करती हैं। मान्यता के संबंध में श्रीमती सुषमा मिश्रा ने बताया कि श्राप देने के बारे में मान्यता यह है कि किसी समय में यम और यमनी कोई एैसे व्यक्ति को यमलोक पहुंचाने के उद्देश्य से मृत्यु लोक में विचरण करते रहते हैं। जिसे उसकी बहन द्वारा गाली या श्राप न दिया गया हो। उस समय एक भाई ऐसा भी था, जिसकी बहन ने उसे कभी गाली या फिर श्राप नही दिया था। बहन उससे बहुत स्नेह करती थी। यम और यमनी की नजर उस भाई पर पड़़ जाती है। तब यम उसकी आत्मा को साथ ले जाने के लिए उसके शरीर को निष्प्राण बनाने के प्रयास में जुट जाता है। इसकी भनक बहन को लग जाती है। बहन अपने भाई को बचाने का पूरा प्रयास करती है। बहन अपने भाई को बिना वजह खूब गाली एवं श्राप देती है। जिससे यम और यमनी का मनसूबा अधूरा रह जाता है। फिर भी यम उस भाई का प्राण लेने का पूरा प्रयास करते हैं। पहले दीवार गिरा कर मारने का प्रयास, खाना खाते समय पाटा के नीचे सर्प भेज कर, उसके बाद बिस्तर में बिच्छु डाल कर मारने का प्रयास किया जाता है।
इस पर्व पर बहनें गाती हैं पारंपरिक गीत : सुबह होते ही आंगन में या घर के बाहर गोबर से यम लोक का चित्र बनाया जाता है। उसमें यम और यमनी, सांप, बिच्छु, दीवार का चित्र बनाया जाता है। पूजा-अर्चना करने के बाद अपने भाई की सुरक्षा के लिए बहनें मूसल से यम लोक में स्थित यम यमनी सहित यम लोक में मौजूद भाई को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों की कुटाई करती हैं। जिसे गोधन कूटना कहा जाता है। कूटते वक्त बहनें अवरा कुटीला भवरा कुटीला,कुटीला यम के दुआर जैसे पारंपरिक गीत गाती हैं। मान्यता है कि ऐसी कुटाई करने से यम लोक के निवासी एवं यम-यमनी भाग खड़े होते हैं।
इस पर्व पर बहनें गाती हैं पारंपरिक गीत : सुबह होते ही आंगन में या घर के बाहर गोबर से यम लोक का चित्र बनाया जाता है। उसमें यम और यमनी, सांप, बिच्छु, दीवार का चित्र बनाया जाता है। पूजा-अर्चना करने के बाद अपने भाई की सुरक्षा के लिए बहनें मूसल से यम लोक में स्थित यम यमनी सहित यम लोक में मौजूद भाई को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों की कुटाई करती हैं। जिसे गोधन कूटना कहा जाता है। कूटते वक्त बहनें अवरा कुटीला भवरा कुटीला,कुटीला यम के दुआर जैसे पारंपरिक गीत गाती हैं। मान्यता है कि ऐसी कुटाई करने से यम लोक के निवासी एवं यम-यमनी भाग खड़े होते हैं।