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जावरा

बड़ी परेशानी, किसान लगा रहा 50 किमी तक दौड़

रतलाम। प्रदेश के अन्नदाता की आज भी दौड़ भाग कम होने का नाम नहीं ले रही है, एक तरफ रबी सीजन में यूरिया की मारामारी, दूसरी तरफ अब जलते ट्रांसफार्मर दम निकाल रहे हैं। जले ट्रांसफार्मर सुधारने के लिए किसान 50-60 किमी तक दौड़ लगा रहा है, फिर भी उसके हाथ वेटिंग नंबर आ रहा है। यह हाल है चंबल कॉलोनी स्थित विद्युत वितरण कम्पनी ग्रीड के जहां पर जले हुए ट्रांसफार्मर सुधार कर किसानों की लाइन लगी हुई है। सुबह से लेकर रात तक गांवों से रतलाम पहुंच रहे किसान अपने नंबर का इंतजार करते नजर आते हैं।

जावराNov 11, 2022 / 12:03 pm

Gourishankar Jodha

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power cut farmer

एक सप्ताह में चौथी बार जले ट्रांसफार्मर

बिरमावल से आए किसान झनकलाल पाटीदार, अनिल पाटीदार ने बताया कि तीन एक सप्ताह में चार बार ट्रांसफार्मर उड़ गया है। डीपी से आठ किसान जुड़े हुए है, एक बार सुधार कर दी तो उस पर फेस बांधते ही उड़ा दी, दूसरी बार पांच कनेक्शन में तीन पर मोटर ही चलाई और फिर दो घंटे में जल गई। आज आए है तो कह रहे हंै कि लोकेश मल्होत्रा साहब से बात करो, नंबर भी नहीं दे रहे हैं, कहते है वही करेंगे। अब ग्रीड से उन्हे ढुंढने के लिए पॉवर हाउस जाते हैं। अभी डीपी नहीं लाए एक बार उतार कर चढ़ाने में 5 हजार रुपए लगते हैं। चौथी बार हो गया है 15 हजार तो भाड़े के दे चुके हैं और हर बार एक हजार रुपए डीपी उतारने के लगते हैं। हालात इतने खराब हो गए है कि किसान लहसुन और मटर खेत में बोकर निकालने पर मजबूर है। यहां से रात 12 तो कभी 2 बजे तक डीपी लेकर जाना पड़ता है।

डबल लगेगा भाड़ा
बाजना से आए किसान दलसिंह ने बताया कि आज ही आवेदन देकर नंबर लगाया है, बाजना से ट्रांसफार्मर लेकर निकल चुके हैं, आने वाले है। अब वे कह रहे हैं कि तीन-चार दिन बाद आना। 50 किमी से आना जाना और एक बार में 5 हजार रुपए का भाड़ा बहुत परेशान कर दिया है।
चार दिन पहले नंबर लगाया था

गढख़ंखाई माताजी बाजना से आए किसान नारायण ने बताया कि चार दिन पहले नंबर लगाया था, आज मोबाइल करके बुलाया है। आज ट्रेक्टर लेकर ट्रांसफार्मर आए है, शाम हो चुकी है, मालूम नहीं मिल भी जाएगी के नहीं। जब तक ट्रांसफार्मर नहीं सुधरे तब तक सिंचाई नहीं कर पाएंगे। इसलिए परेशान हे रहे हैं। धामनोद से आए कांतिलाल ने बताया कि दो ट्रांसफार्मर लेकर आए है, चार दिन पहले कागज जमा करा दिए थे। आज नंबर आया है ।
यह कर रखी है व्यवस्था

अगर किसान के खेत का ट्रांसफार्मर जलता है तो उसे पहले चंबल कॉलोनी स्थित ग्रीड पर पहुंचकर आवेदन करना होगा। इसके बाद यहां से उसे तीन-चार दिन बाद आने का कहकर मोबाइल नंबर लिए जाते है, ताकि ट्रांसफार्मर की व्यवस्था हो जाती है तब बुलाया जाएगा। इसके बाद भी सुबह से लेकर शाम तक इंतजार करना पड़ता है।
इनका कहना

20 से 25 ट्रांसफार्मर हर दिन आ रहे हैं, 8 से 10 सुधारकर किसानों को दिए जा रहे हैं। 7 नवंबर तक के ट्रांसफार्मर दिए जा चुके हैं। आवश्यकता होने पर एरिया स्टोर से भी मंगाकर पूर्ति की जा रही है।
जयपालसिंह ठाकुर, डीई मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी ग्रामीण संभाग।

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