प्रदेश में भावांतर योजना को लेकर १२ फरवरी से पंजीयन का दौर शुरु हो चुका है, लेकिन जावरा इससे अब तक वंचित है। क्षेत्र का अन्नदाता विभागीय तकनीकी गड़बडिय़ों के कारण इस योजना के लाभ लेने के लिए पंजीयन करवाने से अब तक वंचित रहा है और सबसे बड़ी विडंबना तो यह है कि इतने दिन हो गए पंजीयन शुरू हुए अब तक जावरा इससे वंचित है। इसके बाद भी शासन-प्रशासन का इस और ध्यान ही नहीं गया और न ही तकनीकी खामियों को सुधारते हुए पंजीयन शुरु करने के लिए किसी स्तर से पहल हुई है। इसका खामियाजा अन्नदाता पंजीयन से वंचित होकर भुगत रहे है।
14 दिन बीते पंजीयन नहीं हुआ शुरू
भावांतर के तहत सरकार द्वारा इस बार ली गईचार जिंसों में इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को पंजीयन करवाना है। जो प्रदेश स्तर पर १२ फरवरी से शुरु हो चुका है, लेकिन जावरा में पंजीयन नियत तिथि से होना तो दूर १४ दिन बीतने के बाद भी अब भी शुरु नहीं हो पाया है। पंजीयन केंद्र पर वर्तमान में १२०० के करीब आवेदन पंजीयन करने के लिए आ चुके है और कई किसान चक्कर काटते हुए पंजीयन के लिए भटक रहे है। किसान आंदोलन के बाद किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाते हुए सरकार द्वारा आनन-फानन में किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए लागू की गईयोजना का चुनावी वर्ष में ही यह हाल हो रहा है। लाभ मिलना तो दूर लाभ लेने के लिए होने वाले पंजीयन से ही किसान वंचित है और यह भी स्पष्ट नहीं है कि पंजीयन का दौर शुरु कब होगा। पंजीयन केंद्र पर पहुंच रहे किसानों को एक ही जवाब मिल रहा है कि अब कोड नहीं खुल रहा है, तकनीकि दिक्कत के कारण पंजीयन नहीं हो पा रहा है।
भावांतर के तहत सरकार द्वारा इस बार ली गईचार जिंसों में इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को पंजीयन करवाना है। जो प्रदेश स्तर पर १२ फरवरी से शुरु हो चुका है, लेकिन जावरा में पंजीयन नियत तिथि से होना तो दूर १४ दिन बीतने के बाद भी अब भी शुरु नहीं हो पाया है। पंजीयन केंद्र पर वर्तमान में १२०० के करीब आवेदन पंजीयन करने के लिए आ चुके है और कई किसान चक्कर काटते हुए पंजीयन के लिए भटक रहे है। किसान आंदोलन के बाद किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाते हुए सरकार द्वारा आनन-फानन में किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए लागू की गईयोजना का चुनावी वर्ष में ही यह हाल हो रहा है। लाभ मिलना तो दूर लाभ लेने के लिए होने वाले पंजीयन से ही किसान वंचित है और यह भी स्पष्ट नहीं है कि पंजीयन का दौर शुरु कब होगा। पंजीयन केंद्र पर पहुंच रहे किसानों को एक ही जवाब मिल रहा है कि अब कोड नहीं खुल रहा है, तकनीकि दिक्कत के कारण पंजीयन नहीं हो पा रहा है।