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सड़कों पर उड़ती है इतनी धूल कि सामने से आने वाले वाहन भी हो जाते हैं नजरों से ओझल

locationजांजगीर चंपाPublished: Sep 15, 2018 12:26:47 pm

Submitted by:

Shiv Singh

परेशानी का सबब बन गया

परेशानी का सबब बन गया

परेशानी का सबब बन गया

जांजगीर-चांपा. बारिश के बाद शहर की टूटी सड़कों में जमा मिट्टी अब सूख गई है। इससे गाडिय़ों के चलने से धूल उडऩे लगती है, जो राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। धूल के गुबार की वजह से लोगों का कई सड़कों पर चलना तक दुश्वार हो चुका है। साथ ही दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।
वहीं संबंधित विभाग द्वारा सड़कों की मरम्मत अब तक शुरू नहीं की गई है। हालात यह है कि लोगों ने शहर की सड़कों पर निकलना तक कम कर दिया है। शहर की सड़कें दिन भर धूल के आगोश में रहती हैं।

बारिश के समय सड़कों पर बने गड्ढों में जमा पानी के कारण मिट्टी नहीं उड़ती थी। अब सूख जाने के बाद उनमें बने गाद और कीचड़ धूल के रूप में उड़ रही है। सड़कों के किनारे की कीचड़ भी टायरों में लगकर मुख्य रास्ते पर आ गई है। यह सूखने पर रेत बनकर उड़ती है। ऐसे हालात शहर की सभी सड़कों का बन गया है।
धूल की वजह से सबसे ज्यादा बुरा हाल मुख्य मार्ग का है। मुख्यमार्ग के साथ स्टेशन रोड, अकलतरा रोड, केरा रोड के अलावा शहर के अंदर जाने वाले रोड समेत अन्य मार्गों पर पूरा दिन धूल के गुबार देखे जा सकते हैं। धूल के कारण सड़क पर यातायात में भी परेशानी सामने आ रही है।
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सामने के वाहन नहीं दिखने के कारण दुर्घटना की संभावना बढ़ गई है। धूल से सबसे ज्यादा परेशानी इन सड़कों पर स्थित दुकानदारों को हो रही है। दुकानदारों का कहना है कि पूरा दिन वाहनों की वजह से धूल के गुबार उड़ते रहते हैं। इस कारण उनकी दुकानों में रखा सामान भी खराब हो जाता है।
दुकानदारों का कहना है कि पूरा दिन आसमान में धूल के गुबार छाए रहने से यहां से गुजरने वालों के साथ ही यहां आने वालों को भी परेशानी होती है। उनका सारा सामान भी खराब हो जाता है। इस कारण उनको दिन में दो से तीन बार अपनी दुकानों की सफाई करनी पड़ती है।


धूल से बढ़ रहे दमा और श्वास रोगी
पूरा दिन धूल भरे माहौल में रहने के कारण लोग दमा के रोगी बनते जा रहे हैं। सबसे ज्यादा दुकानदार इसकी चपेट में आ रहे हैं, जो हमेशा धूल भरे माहौल में रहते हैं। कई दुकानदार दमा और श्वास के रोगी बनते जा रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि व्यक्ति धूल और डस्ट की वजह से दमा का रोगी बन सकता है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है। धूल और प्रदूषण के कारण दमा और सांस के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है।


तीन विभागों के कारण परेशानी
मुख्यमार्ग का बड़ा हिस्सा एनएच का है और नगर पालिका को हैंडओवर नहीं हुआ है, इसलिए सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। एनएच सड़कों के संधारण को लेकर उदासीन बना हुआ है। साथ ही पीडब्ल्यूडी विभाग भी सड़कों को लेकर गंभीर नहीं है। वहीं पालिका में स्थानीय दबाव बनाकर सड़क का संधारण व सफाई कराया जा सकता है। इस ओर प्रशासन ध्यान दे तो सड़कों से धूल आसानी से साफ हो सकती है। इन तीनों विभाग के फेर में सड़कों का बुरा हाल है।

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