script

जेल में बंद विचाराधीन बंदी की इस वजह से हो गई मौत, प्रशासन सकते में

locationजांजगीर चंपाPublished: Jan 09, 2019 05:04:23 pm

Submitted by:

Shiv Singh

चारसौबीसी के मामले में था जेल में निरूद्ध

चारसौबीसी के मामले में था जेल में निरूद्ध

चारसौबीसी के मामले में था जेल में निरूद्ध

जांजगीर-चांपा. जिला जेल जांजगीर में मंगलवार की रात नौ बजे विचाराधीन बंदी की मौत हो गई। बंदी की मौत की वजह हार्ट अटैक बताया जा रहा है। मृतक बिर्रा थानांतर्गत ग्राम करनौद का रहने वाला गौरव तंबोली पिता पंचराम २९ था। वह धारा ४२० में बीते छह माह से जेल में निरूद्ध था। बुधवार की सुबह उसका पोस्टमार्टम कराकर शव को परिजनों को सौंपा गया। परिजनों ने प्रशासन पर किसी तरह का आरोप नहीं लगाया है। इसलिए पुलिस प्रशासन व जेल प्रबंधन ने राहत की सांस ली है।
Read more : सिंचाई विभाग के पांच करोड़ की नहर लाइनिंग में की जा रही जमकर लीपापोती


कोतवाली टीआई विवेक पांडेय ने बताया कि रात को ९ बजे उन्हें सूचना मिली थी कि जेल में निरूद्ध गौरव तंबोली पिता पंचराम २९ को सीने में दर्द होने की वजह से उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराने लाए हैं। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया। रात को १० बजे पुलिस ने उनके परिजनों को फोन पर सूचना दी। परिजन रात को ही जिला अस्पताल पहुंच गए। पुलिस ने परिजनों का बयान दर्ज किया और बुधवार की सुबह उसका पोस्टमार्टम कराकर शव को परिजनों को सौंप लिया। टीआई विवेक पांडेय ने बताया कि बंदी के सीने में अचानक दर्द हुई और उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक उसकी हार्ट अटैक से मौत हुई है। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद उसकी मौत के वास्तविक कारणों का पता चल पाएगा।


धारा 420 मामले में था जेल में
पुलिस ने बताया कि गौरव तंबोली पिता पंचराम धारा ४२० मामले में जेल में बंद था। वह बीते 5 अगस्त 2018 से बतौर विचाराधीन बंदी के रूप में निरुद्ध था। बताया जा रहा है कि गांव में रुपए के लेन-देन मामले में वह मध्यस्थता की थी। विवाद बढ़ गया और उसे भी साथी के साथ मध्यस्थता करना महंगा पड़ गया और उसे अब तक जेल में निरूद्ध होना पड़ गया था। उसे जमानत अब तक नहीं मिली थी। आखिरकार उसकी मौत हो गई।

ट्रेंडिंग वीडियो