scriptExpose : इस जिले में आचार संहिता का फायदा उठाकर, सरकारी भर्ती में की जा रही गड़बड़ी, पढि़ए पूरी खबर | Taking advantage of the Code of Conduct in this district | Patrika News

Expose : इस जिले में आचार संहिता का फायदा उठाकर, सरकारी भर्ती में की जा रही गड़बड़ी, पढि़ए पूरी खबर

locationजांजगीर चंपाPublished: Oct 27, 2018 09:23:07 pm

Submitted by:

Shiv Singh

ई-एजूकेटर के दो रिक्त पदों पर बेक डोर से गुपचुप तरीके से परीक्षा आयोजित

ई-एजूकेटर के दो रिक्त पदों पर बेक डोर से गुपचुप तरीके से परीक्षा आयोजित

ई-एजूकेटर के दो रिक्त पदों पर बेक डोर से गुपचुप तरीके से परीक्षा आयोजित

जांजगीर-चांपा. संपूर्ण साक्षरता मिशन में ई-एजूकेटर के दो रिक्त पदों पर बेक डोर से गुपचुप तरीके से परीक्षा आयोजित कर भर्ती किए जाने का मामला सामने आया है। शनिवार की सुबह ११ बजे इसके लिए बाकायदा साक्षरता मिशन के कार्यालय में अभ्यर्थियों की परीक्षा ली जा रही थी।
अफसर एक ओर कह रहे थे कि भर्ती नहीं है, वहीं दूसरी ओर परीक्षा का आयोजन कर चयन किया जा रहा था। दिलचस्प बात यह है कि इन दिनों चुनाव आचार संहिता लगा हुआ है वहीं अफसर खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन करते पाए गए। इसके लिए कुछ लोगों द्वारा कार्यालय में हंगामा किया गया। इसके बाद अफसर चुपके से दफ्तर से नदारद हो गए। ऐसे में संपूर्ण साक्षरता मिशन के कार्यप्रणाली पर लोग सवाल खड़े कर रहे थे।
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संपूर्ण साक्षरता मिशन के जिला परियोजना अधिकारी संतोष कश्यप के मुताबिक दो दिन पहले उनके राज्य कार्यालय से पत्र आया था कि उन्हें चांपा एवं जांजगीर केंद्र में ई-एजूकेटर के दो रिक्त पदों पर दो लोगों का नाम चयन कर राज्य कार्यालय में नाम भेजना है। आदेश को अमल करते हुए संतोष कश्यप अपने -अपने लोगों को टेलीफोन से कॉल कर साक्षरता मिशन के जिला कार्यालय बुलाकर उनकी परीक्षा ले रहे थे।
उनका कहना था कि दो लोगों को यहां बुलाया गया था, लेकिन दो के बजाए ११ लोग यहां परीक्षा दिलाने आ गए इसलिए सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा आयोजित कर उन्हें परीक्षा में बिठा दिया गया। परीक्षा में उन लोगों को परीक्षा में शामिल किया गया जो कामन सर्विस सेंटर के छात्र हैं।
जबकि इस पद में पूर्व जिला कार्यक्रम समन्वयकों को शामिल कर उनमें से दो लोगों को चयन करना था। शनिवार को होने वाली इस परीक्षा की भनक जब पूर्व जिला कार्यक्रम समन्वयकों को लगी तब वे लोक शिक्षा के जिला कार्यालय पहुंचे और कार्यालय में हंगामा कर दिया। जब पूर्व जिला कार्यक्रम समन्वयकों ने मीडिया के सामने मुखर होकर अपनी पीड़ा बयां की तब संपूर्ण साक्षरता मिशन के जिला परियोजना अधिकारी संतोष कश्यप दफ्तर से भाग निकले। इस दौरान परीक्षा का आयोजन होता रहा।


आचार संहिता के दौरान भर्ती बड़ा सवाल
प्रदेश में विधानसभा का चुनाव चल रहा है। ६ अक्टूबर से प्रदेश में आचार संहिता लग चुका है। इस दौरान आनन -फानन में बेक डोर से भर्ती किया जाना अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है। वहीं दूसरी ओर संपूर्ण साक्षरता मिशन के राज्य कार्यालय से दो लोगों की भर्ती कर अभ्यर्थियों का नाम उपर भेजने का सवाल लोगों के गले से नहीं उतर रहा है। एक ओर साक्षरता मिशन के जिला प्रभारी इस प्रक्रिया को भर्ती नहीं मान रहे हैं तो, परीक्षा किस बात की ली जा रही। वह भी गोपनीय रूप से। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठना लाजिमी है।


अपने अपने लोगों को फोन पर बुलाया
पूर्व जिला कार्यक्रम समन्वयकों पुष्पा चंद्रा ने बताया कि दो दिन पहले उनके पास फोन आया था कि ई एजुकेटर पद पर भर्ती होना है। इसके लिए उन्हें तुरंत आवेदन करने कहा गया। जब वे कार्यालय आए तब पता चला कि जिला परियोजना अधिकारी द्वारा कामन सर्विस सेंटर वालों को तवज्जो देकर उन्हें परीक्षा में बिठा लिया गया।

जबकि उन्हें पहले बताया गया था कि इस पद में भर्ती सिर्फ पूर्व जिला कार्यक्रम समन्वयकों को लिया जाना है, लेकिन जिला परियोजना अधिकारी द्वारा गुपचुप तरीके से परीक्षा आयोजित कर इस पद पर भर्ती किया जा रहा है।


50-50 हजार रुपए लेकर भर्ती का आरोप
पुष्पा चंद्रा का आरोप है कि जिला परियोजना अधिकारी व लेखापाल सुनील पटेल के द्वारा इस पद में भर्ती के लिए अभ्यर्थियों से बाकायदा ५०-५० हजार रुपए लेकर भर्ती करने की योजना बनाई गई है। यही वजह है कि कामन सर्विस सेंटर वालों को गुपचुप तरीके से बुलाकर परीक्षा में बिठाया गया और उनमें दो लोगों का चयन पहले से किया जा चुका है। परीक्षा की केवल औपचारिकता निभाई जा रही है।


सीधी बात: संतोष कश्यप, जिला परियोजना अधिकारी संपूर्ण साक्षरता मिशन
सवाल : आज किस तरह की परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।
जवाब : केंद्र में ई-एजूकेटर पद पर काम करने वाले दो पद भरने के लिए परीक्षा लिया गया।
सवाल : गुपचुप तरीके से भर्ती की जा रही है।
जवाब : यह भर्ती नहीं है, दो लोगों का चयन करना है।
सवाल : जब भर्ती नहीं है तो परीक्षा क्यों ली जा रही है।
जवाब : दो के बजाए ११ अभ्यर्थी आ गए तो उनकी परीक्षा ली जा रही है।
सवाल : आपके उपर ५०-५० हजार रुपए लेकर भर्ती किए जाने का आरोप है।
जवाब : यह आरोप गलत और बेबुनियाद है।

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