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चुनावी समर में ऐसा है धान खरीदी का हाल 10 दिन बाद भी नहीं हो सकी बोहनी

locationजांजगीर चंपाPublished: Nov 10, 2018 04:55:41 pm

Submitted by:

Shiv Singh

सुखत का दंश कम झेलना पड़े इस कारण कर रहे आनाकानी

सुखत का दंश कम झेलना पड़े इस कारण कर रहे आनाकानी

सुखत का दंश कम झेलना पड़े इस कारण कर रहे आनाकानी

जांजगीर-चांपा. धान खरीदी की घोषणा के १० दिन बाद भी जिले के एक भी समितियों में धान की बोहनी नहीं हो पाई। समिति प्रभारी समितियों में बारदान सहित सारी तैयारी कर धान की आवक की बाट जोह रहे हैं, लेकिन धान की आवक नहीं हो रही है। इसके चलते समितियों में वीरानी का आलम है।
वहीं दूसरी ओर यह सुनने आ रहा है कि सुखत की समस्या से निजात पाने अफसर धान खरीदने आना कानी कर रहे हैं। कई समिति ऐसे भी है धान की आवक होने की संभावना है लेकिन समिति प्रभारियों को ऑफ द रिकार्ड कड़े निर्देश मिले हैं कि चुनाव के बाद ही धान की खरीदी करें। नतीजतन किसान समितियों में वीरानी देखकर मायूस होकर लौट रहे हैं।

जिले में इस वर्ष २०५ समितियों में ७० लाख क्ंिवटल धान खरीदी का लक्ष्य मिला है। प्रदेश भर में धान खरीदी के लिए जांजगीर -चांपा जिला टॉप स्थान में है। यहां सबसे अधिक धान की खरीदी की जाती है। दो तीन जिले को छोड़कर एक अक्टूबर से प्रदेश भर में धान की खरीदी शुरू हो चुकी है। जांजगीर चांपा जिले में धान की बोहनी नहीं हो पाई है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि सुखत से निजात पाने के लिए समिति प्रभारी धान खरीदी के लिए हीला हवाला कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि समिति में प्रभारी केवल बेनर पोस्टर लगाकर, बारदाना का स्टॉक डंप कर धान खरीदी की औपचारिकता पूरी कर रहे हैं। कई समितियों में किसान धान की बिक्री करने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन समिति प्रभारी धान लेने के लिए हीला हवाला कर रहे हैं।


टोकन के बिना भटक रहे किसान
बीते दिवस बलौदा क्षेत्र के कोरबी धान खरीदी केंद्र में डोंगरी के किसान मनोहर सिंह धान बिक्री के लिए गया था, लेकिन समिति प्रभारी ने किसान को टोकन देने से इनकार कर दिया। समिति प्रभारी का कहना था कि अभी धान में नमी है। धान खरीद भी लेंगे तो धान इसके अलावा समिति में अभी धान रखने की सुविधा भी नहीं है। इसके चलते किसान को समिति से बैरंग लौटना पड़ा।


यह सुखत का गणित
अभी जो धान समिति में आएगा उसमें नमी होगी। नमी के कारण धान सूखेगा। जिसकी भरपाई समिति प्रभारी को करना पड़ेगा। हालांकि दो प्रतिशत नमी चलता है लेकिन वर्तमान में जो धान आएगा उसमें ५ से १० प्रतिशत नमी आएगी। इसके चलते समिति प्रभारी धान खरीदी के लिए आनाकानी कर रहे हैं। बहरहाल जिले में धान की खरीदी की शुरूआत दिसंबर माह से ही होने की आशंका है।

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चार जिले को छोड़कर सभी जिले में हो चुकी बोहनी
प्रदेश के २७ जिले में २३ जिले में धान की आवक शुरू हो चुकी है। यहां हजारों क्ंिवटल धान की खरीदी हो चुकी है। केवल जांजगीर-चांपा, नारायणपुर, बीजापुर व जशपुर जिले में धान की आवक नहीं हो पाई है। ऐसा नहीं है कि जिले के समितियों में धान की आवक नहीं हो रही है। आवक होने के बाद भी मार्कफेड के अफसर धान की खरीदी के लिए आनाकानी कर रहे हैं।

-धान खरीदी की तैयारी कर ली गई है। समितियों में धान की आवक नहीं हो रही है। सुखत के कारण धान खरीदी में आनाकानी का आरोप बेबुनियाद है। यदि समिति में धान आएगा तो जरूर खरीदेंगे।
-प्रवीण पैकरा, डीएमओ

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