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उपार्जन केंद्रों से उठे नहीं धान अब संग्रहण केंद्रों से धान उठाव की तैयारी शुरु

locationजांजगीर चंपाPublished: Feb 19, 2019 08:56:11 pm

Submitted by:

Shiv Singh

० उपार्जन केंद्रों से पहले धान क्लीयर करने का है नियम० समय से पहले संग्रहण केंद्रों से धान उठाव की चल रही तैयारी

उपार्जन केंद्रों से उठे नहीं धान अब संग्रहण केंद्रों से धान उठाव की तैयारी शुरु

उपार्जन केंद्रों से उठे नहीं धान अब संग्रहण केंद्रों से धान उठाव की तैयारी शुरु

जांजगीर-चांपा. जिले में धान की रिकार्ड पैदावारी हुई है। धान की इतनी खरीदी हुई है कि मार्कफेड के पास धान को रखने की जगह नहीं बन पा रही है। जिसके चलते मार्कफेड अब धान संग्रहण केंद्रों से मिलर्स को धान देने की तैयारी कर रही है। जबकि अभी उपार्जन केंद्रों में अभी भी धान का उठाव नहीं हो पाया है। मार्कफेड के रिकार्ड में अभी भी एक लाख ७४ हजार क्ंिवटल धान रखा हुआ है। इसके उठाव के लिए मार्कफेड गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है। जबकि आए दिन बारिश हो रही है और धान भीग रहा है।

जिले में धान की बंपर खेती हुई है, लेकिन धान की देखरेख करने में मार्कफेड अक्षम साबित हो रहा है। जिले में इस साल रिकार्ड ७५ लाख ७३ हजार क्ंिवटल धान की खरीदी हुई है। इतने धान को दो भागों में बांटा गया है। एक भाग में राइस मिलों ३६ लाख क्ंिवटल धान को दिया गया है तो वहीं दूसरा भाग ३९ लाख क्ंिवटल धान को जिले के पांच संग्रहण केंद्रों में रखा गया है। वहीं पौने लाख क्ंिवटल धान अभी भी जिले के उपार्जन केंद्रों में रखा है। धान का उठाव खरीदी के ७२ घंटे बाद हो जाना था, लेकिन मार्कफेड खरीदी बंद होने के १९ दिन बाद भी नहीं उठा पाया है। हद तो तब हो गई जब उपार्जन केंद्रों से पूरी तरह से धान का उठाव नहीं हो पाया है और मार्कफेड संग्रहण केंद्र को खोलने की प्रक्रिया शुरु करने वाली है। यानी संग्रहण केंद्र से धान को राइस मिलों में भेजने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। जबकि उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव पूरी तरह से नहीं हुआ है।
जानकारों के मुताबिक होना यह था
मार्कफेड से जुड़े अफसरों का कहना है कि जब तक उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव नहीं किया जाता तब तक संग्रहण केंद्रों को चालू नहीं किया जा सकता। यानी संग्रहण केंद्रों से धान का उठाव नहीं किया जा सकता। पहले उपार्जन केंद्रों के धान को क्लीयर करना होता है। ताकि जितना धान खरीदी किए हैं उसका हिसाब क्लीयर हो जाए। लेकिन विभागीय अधिकारी सिस्टम से काम नहीं कर रहे हैं। जिसका खामियाजा शासन को भुगतना पड़ेगा।
उपार्जन केंद्रों में अब भी पौने दो लाख क्ंिवटल धान जाम
मार्कफेड के जनभागीदारी सोशल साइट में विभाग का रिकार्ड रहता है। जिसमें अब भी एक लाख ७४ हजार क्ंिवटल धान रखा हुआ है। मार्कफेड का कहना है कि उपार्जन केंद्रों में रखे हुए धान का टीओ कट चुका है। धान का उठाव ट्रांसपोर्टर इस नाम से नहीं कर पा रहे हैं कि उनका ट्रक संग्रहण केंद्रों में ही जाम है। क्योंकि ट्रक से धान अनलोड नहीं हो पा रहा है। इधर रुक-रुककर बारिश हो रही है। तो वहीं उपार्जन केंद्रों से धान की भी चोरी हो रही है। जिससे शासन को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
फैक्ट फाइल
उपार्जन केंद्र २०५
पंजीकृत किसान १४७२२९
कुल खरीदी ७५७३१९८
मिलर्स को प्रदाय ३६०७१५०
संग्रहण केंद्र में ३९४८५८०
उपार्जन केंद्र में बचत १७४१२०

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