किसानों को प्रत्येक क्ंिवटल के पीछे एक से डेढ़ किलो अधिक धान देना पड़ रहा है। जिसकी कीमत 25 से 40 रुपए हो रहा है। किसान भटकना न पड़े कहकर मजबूरी में धान का तौल करा रहा है और समर्थन मूल्य का लाभ ले रहा है। वहीं समिति प्रबंधक किसानों के इस तरह की उगाही में मोटी रकम ऐंठ रहा है। जबकि किसानों ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से कर चुके हैं। इसके बाद भी समिति प्रभारी के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है, जिसके चलते समिति प्रबंधक का हौसला बुलंद है।
पोल्ट्री फार्म में चोरों की लग गई बुरी नजर, 400 मुर्गियों को लेकर भागे, पढि़ए पूरी खबर… अकलतरा ब्लाक के पकरिया झूलन धान खरीदी केंद्र में बनाहिल, पकरिया, झलमला और नवागांव के किसान धान बिक्री कर रहे हैं। क्षेत्र के तकरीबन एक हजार किसान यहां धान लेने पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां उन्हीं किसानों के धान की तौल हो रही है जो प्रत्येक तौल के पीछे आधा किलो धान अधिक दे रहा है, जो किसान अधिक धान नहीं दे रहा है उसकी धान का तौल नहीं हो पा रहा है। उसके धान में मीन मेक कर अलग कर दिया जा रहा है। इतना ही नहीं किसानों को बारदाना तभी दिया जा रहा है जब समिति प्रबंधक को हजार दो हजार चढ़ावा न मिल जाए।
ऐसे में किसानों को समिति में धान बिक्री करना टेढ़ी खीर नजर आ रहा है। इतने नफा नुकसान के बावजूद सरकार के समर्थन मूल्य का लाभ लेने जैसे-तैसे धान की खरीदी कर रहे हैं। यहां के समिति प्रभारी की लचर व्यवस्था के कारण किसानों को फायदा कम नुकसान अधिक नजर आ रहा है। किसानों का कहना है कि पहले तो समिति प्रभारी की तानाशाही के चलते यहां तब धान लाना कठिन काम है वहीं दूसरी ओर धान के तौल कराने में उन्हें दो से तीन दिन लग जा रहा है। क्योंकि पर्याप्त कांटा नहीं होने और जब तक समिति प्रभारी व तौल करने वालों को भेंट भलाई नहीं किया जाता तब तक उनके धान की तौल होना मुश्किल नजर आता है।
इसलिए ले रहा आधा किलो अधिक धान
पकरिया समिति प्रभारी ने कहा कि समिति में रखे रखे धान सूख जाता है। जिसकी भरपाई मुझे करनी पड़ती है। जब तक धान संग्रहण केंद्र में जाता है तब तक धान काफी हद तक सूख जाता है। जिसकी भरपाई करना होता है। दो दिन पहले ही जब यहां से धान से भरा ट्रक संग्रहण केंद्र में गया तब धरम कांटा में तौल के दौरान दो क्ंिवटल धान कम पाया गया, जिसकी भरपाई करनी पड़ी। इस तरह की समस्याओं के चलते प्रत्येक किसानों से आधा किलो धान प्रत्येक तौल से अधिक लिया जा रहा। किसानों को इसमें आपत्ति नहीं है।
उपार्जन केंद्र में अव्यवस्था का आलम
धान का उठाव नहीं होने से समिति में धान का पहाड़ लगा हुआ है। जिसके चलते किसानों को धान की बिक्री करते नहीं बन रहा है। किसान अपने धान का तौल कराने में कई दिन लग जा रहा है। कई किसान अपने धान को उपार्जन केंद्र पहुंचाकर रखे रहते हैं जब उनका धान तौल नहीं हो पाता तो उन्हें रतजगा करना पड़ता है। जिससे उन्हें परेशानी होती है। कई किसानों का तो दो-तीन दिन बाद तौल हो पाता है, वहीं बिचौलियों का धान पहले तौल हो जाता है। किसानों ने समिति प्रभारी पर भेद भाव का भी आरोप लगाया है।
-उपार्जन केंद्र में धान रखे रखे सूख जाता है, जिसकी भरपाई हमें करनी होती है। जिसके चलते किसानों से आधा किलो धान अधिक लिया जा रहा है- अमित कश्यप, उपार्जन केंद्र प्रभारी -पकरिया झूलन समिति प्रभारी द्वारा गड़बड़ी किए जाने की शिकायत मुझे कई बार मिल चुकी है। इसकी जांच तत्काल कराएंगे और प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी- कमल सिंह ठाकुर, नोडल अधिकारी