मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव का क्षेत्र अन्य प्रदेश की ओर खिसककर कमजोर पड़ गया है। ऐसे में क्षेत्र में मौसम बदल गया है। आसमान में बादल भी कम ही नजर आ रहे हैं। इसका सीधा असर तापमान पर पड़ा है। बीते तीन-चार दिनों से सुबह से ही उमसभरी गर्मी शुरू हो गई है। लोग गर्मी की तरह महसूस कर रहे और वे कूलर व पंखे का सहारा लेते रहे। दोपहर में यह और बढ़ गई।
Read more : इस बार मतदाताओं की घटत-बढ़त पर टिकी है वोटिंग मीटर की सुई खास बात यह है कि गर्मी के दिनों की अपेक्षा वातावरण में अभी नमी ज्यादा है। इसके चलते उमस भी ज्यादा परेशान कर रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दिनों में सिस्टम बनने पर और स्थानीय प्रभाव के असर से ही बारिश होगी और इसका इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि इस स्थिति से लोग हलाकान हैं, लेकिन खेती के लिए अच्छा माहौल बनने की बात कही जा रही है। किसानों के अनुसार खेतों को पर्याप्त पानी मिल गया है, अब धान के पौधों को सूर्य के किरणों की आवश्यकता है, जिससे पौधे बड़े होने लगेंगे।
औसत वर्षा 966.7 मिलीमीटर
शहर के साथ ही जिलेभर में बारिश थम गई है। इसी के चलते औसत बारिश का आंकड़ा भी 966.7 मिलीमीटर पर थम गई है। हालांकि पिछले दिनों में हुई अच्छी बारिश की वजह से खेती का काम प्रभावित नहीं हुआ है। रोपाई का काम लगभग पूरा हो गया है। सीमांत क्षेत्रों में ही कहीं-कहीं नहर से पानी की मांग हुई है और ज्यादातर क्षेत्रों में अभी किसी तरह की दिक्तत नहीं है। मानसून सत्र में जिले में अब तक 966.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है।
कलेक्टर कार्यालय के भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील जांजगीर में 834.9 मिमी और अकलतरा में 991.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इसी प्रकार तहसील बलौदा में 872 मिमी, नवागढ़ में 992.1 मिमी, पामगढ़ में 1076.6 मिमी, चांपा में 882 मिमी, सक्ती में 777.5 मिमी, जैजैपुर में 968.6 मिमी, मालखरौदा में 1176.5 मिमी और डभरा में 1095 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।