विधिक जागरूकता शिविर के माध्यम से बांटे ज्ञान
जांजगीर चंपाPublished: Jan 14, 2019 02:52:18 pm
इसके अलावा हम अपने संबंधित लोगों को भी उनका मार्गदर्शन करके उन्हें कानून की जानकारी देकर उन्हें परेशानियों से बचा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट और विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर पूरे देश भर में छुट्टी के दिनों में न्यायाधीश स्वयं गांव में जाकर ग्रामीणों को विभिन्न कानूनों की जानकारी प्रदान करते हैं
विधिक जागरूकता शिविर के माध्यम से बांटे ज्ञान
सक्ती. तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण सक्ती द्वारा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पोरथा में द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश वंदना दीपक देवांगन के मुख्य आतिथ्य में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर को संबोधित करते हुए देवांगन ने विद्यार्थियों को विभिन्न कानून की जानकारी देते हुए कहा कि यदि हमें कानूनों की जानकारी रहेगी तो हम कई प्रकार के भविष्य में होने वाली समस्याओं से बच सकते हैं। इसके अलावा हम अपने संबंधित लोगों को भी उनका मार्गदर्शन करके उन्हें कानून की जानकारी देकर उन्हें परेशानियों से बचा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट और विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर पूरे देश भर में छुट्टी के दिनों में न्यायाधीश स्वयं गांव में जाकर ग्रामीणों को विभिन्न कानूनों की जानकारी प्रदान करते हैं, ताकि ग्रामीणों को कानूनों की जानकारी में होने वाली परेशानियों से बचाया जा सके डीजे देवकी वंदना दीपक देवांगन ने बताया कि छोटे-छोटे मामलों का राजीनामा योग्य मामलों का निराकरण लोक अदालत नेशनल लोक अदालत के माध्यम से किया जा सकता है। इसमें न किसी की हार होती है और न ही किसी की जीत होती है। आपसी दुश्मनी भेदभाव समाप्त होकर एक अच्छे वातावरण और प्रेम का माहौल पैदा होता है। लोगों का विकास होता है गरीब लोगों को अभावग्रस्त लोगों को विकलांगों पीडि़तों को न्याय प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रावधान बनाए गए हैं। कोर्ट फीस में छूट का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार जो फीस अदा करके अपने प्रकार की पैरवी हेतु वकील नियुक्त नहीं कर सकते हैं। उन्हें निशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाता है। ऐसी विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है जिसकी जानकारी तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण और इससे जुड़े अधिवक्ताओं से संपर्क कर प्राप्त किया जा सकता है।
छात्रों को बांटे ज्ञान
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए जज ने कहा कि कभी-कभी परिस्थितियां ऐसी बन जाती है जिससे अपेक्षित सफलता हासिल नहीं होती है लेकिन इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे परिस्थितियों का सामना करके धैर्य के साथ सफलता की संकल्प लेकर कड़ी मेहनत इमानदारी से करने से निश्चित रूप से अच्छी सफलता हासिल होगी। इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती लेकिन हर परिस्थिति में संघर्ष अध्ययन जारी रहना चाहिए क्योंकि सतत एवं अध्ययन ही विद्यार्थियों को उनके लक्ष्य में सहायक है। उन्होंने कहा कि छात्रों को मोबाइल से बचना होगा।