ये कैसा होटल है! ब्राह्मण परिवार ने मांगा वेज खाना तो वेटर ने खिलाया चिकन लॉलीपॉप, फिर जो हुआ…
जिला अस्पताल में बदहाली कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जिला अस्पताल में एक ओर सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है तो वहीं डॉक्टरों के काम काज में सुधार नहीं हो रहा है। यहां के डॉक्टर अपनी मनमर्जी के मालिक हैं। उन्हें जिला अस्पताल प्रबंधन से तनिक भी डर नहीं है। वहीं कुछ कोर कसर रहता है तो जिले के बड़े अफसर के रिश्तेदार ही यहां के मुखिया के बराबर होकर पदस्थ हैं तो फिर किस बात की उन्हें चिंता है। इसके चलते जिला अस्पताल में कर्मचारियों का राम राज है। मरीजों को बड़ी पीड़ा तब होती है जब सोनोग्राफी सेंटर में गर्भवती महिलाओं को घंटों लाइन में लगकर इलाज के लिए अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। इसके चलते उन्हें बड़ी परेशानी होती है।