प्राइमरी स्कूल पामगढ़ के शिक्षकों की कहानी निराली है। शिक्षा स्टॉफ ने स्कूल में पढ़ाई लिखाई का स्तर मेंटेन करने के लिए न केवल स्कूल भवन को पहले सजाया बल्कि स्कूल परिसर को भी चकाचक करा डाला। स्कूल भवन को ऐसा रंग रोगन की गई है कि मानों किसी दुल्हन से कम नहीं है। भवन में चारों ओर वाल पेंटिंग की गई है। भवन की दीवारों में आकर्षक कलाकृति भी कराई गई है। इसी तरह स्कूल परिसर के चारों ओर आकर्षक बागवानी भी गई है। जिसके चलते स्कूल के बच्चे एक स्वच्छ वातावरण में पढ़ाई करते हैं।
हर कोई करता है तारीफ
स्कूल की शिक्षिका शीला शर्मा ने बताया कि स्कूल भवन की सुंदरता को देखकर हर कोई तारीफ किए बगैर थकता नहीं। यहां से गुजरने वाला हर कोई यहां रुककर जाता है और शासकीय स्कूल के भवन में इस तरह कलाकृतियां की गई है उसे विश्वास नहीं होता। शिक्षकों ने बताया कि पामगढ़ में आधा दर्जन स्कूल है, लेकिन इस स्कूल में अन्य स्कूलों की अपेक्षा अधिक सुविधा होने के कारण यहां की दर्ज संख्या लगातार बढ़ रही है।
छात्रों का आर्थिक सहयोग भी करते हैं
स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए शिक्षा स्टॉफ न केवल आर्थिक सहयोग करते हैं बल्कि उनके लिए कपड़े, कापी, किताब मध्यान्ह भोजन के लिए बर्तन की व्यवस्था करते हैं। जिन बच्चों के पास बेल्ट, जूते सहित अन्य सामान नहीं होते उन्हें हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। ऐसे में बच्चों में उत्साह बढ़ता है और शिक्षा के प्रति लगाव होने से छात्र हर रोज स्कूल भी आते हैं।
प्रोजेक्टर के माध्यम से कराते हैं पढ़ाई
यहां के शिक्षकों ने बताया कि स्कूल में छात्रों की पढ़ाई प्रोजेक्टर के माध्यम से कराते हैं। इसके लिए उन्हें तकरीबन एक लाख रुपए खर्च आया है। बच्चों की अंग्रेजी विषय की पढ़ाई कर अधिक जोर दिया जाता है। क्योंकि जमाना अब अंग्रेजी का आ गया है। शिक्षकों ने बताया कि पहले तो इस स्कूल में बच्चों के पलायन की समस्या थी, लेकिन जब स्कूल में पढ़ाई का स्तर बढ़ते गया तो छात्र पलायन नहीं कर रहे हैं।
-स्कूल में स्वच्छ वातावरण बनाने और बच्चों के शिक्षा के प्रति जुड़ाव के लिए कुछ नया करने की योजना बनाए हैं। शिक्षा स्टॉफ आपस में चंदा इक_ा किए हैं और प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ाई कराते हैं। वहीं स्कूल परिसर में रंग बिरंगे पौधे लगाकर स्कूल को सर्वसुविधायुक्त बनाने का प्रयास किए हैं।
-शीला शर्मा, प्रधान पाठक, प्राइमरी स्कूल पामगढ़