संस्थान के डॉ. राजर्षि महापात्र ने बताया कि किसी कार्य को करने के लिए लोगों के पास कई आइडिया होते हैं, लेकिन उसे धरातल पर लाने के लिए लैब में रिसर्च करने की आवश्यकता होती है। ट्रिपलआईटी का 5जी लैब इसी तरह है। कई लोग आज 4जी को 5जी में बदलने पर कार्य कर रहे हैं, वे लोग यहां आकर अपना कार्य कर सकते हैं। वर्तमान में संस्थान के छात्र प्रोजेक्ट कार्य लैब में कर रहे हैं। महापात्र ने बताया कि यह मध्य भारत में अपनी तरह का पहला लैब होगा। इसके साथ ही भारत के कुछ प्रमुख संस्थानों आईआईटी मद्रास, आईआईएससी बेंगलुरु, आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद और एसएएमआईईआर मुंबई की तरह रायपुर में भी 5जी लैब की सुविधा हो गई है। यह देश के स्टार्टअप्स और उद्योगों के लिए 5जी तकनीक उपयोगी साबित होगा।
तीन महीने में होगा तैयार यहां इस 5जी लौब को फरवरी में स्थापित किया गया था। इसे पूरे होने में दो से तीन महीने का समय और लगेगा। शिक्षाविदों का कहना है, लैब में अभी कुछ तकनीकी कार्य बचे हुए हैं। बनने के बाद यह न केवल छत्तीसगढ़ में बल्कि मध्य भारत में अपनी तरह का पहला लैब होगा।
एक मिनट में 10जीबी डेटा डॉउनलोड की क्षमता डॉ. महापात्र ने बताया कि 5जी सेवा आने अभी 1 साल से अधिक का समय लग सकता है। ५जी सेवा आने के बाद एक मिनट में 10जीबी डेटा डॉउनलोड किया सकता है। 5जी के बाद नेटवर्किंग का कार्य तेजी से होने लगेगा। 2जी, 3जी और 4जी की तुलना में 5जी न केवल लोगों को, बल्कि स्मार्ट मशीनों और उपकरणों को भी आपस में जोड़ेगा। 5जी मोबाइल नेटवर्क की स्पीड 4जी की तुलना में 35 गुना तेज होने की उम्मीद है।