सुल्तानिया का अरोप है कि सीएमओ सत्यनारायण गुप्ता, राजस्व निरीक्षक उत्तम बंजारे, सहायक राजस्व निरीक्षक अखिलेश भारद्वाज तथा पूर्व नगरपालिका अधिकारी रविंद्र कुमार शुक्ला सभी ने मिलकर नगरपंचायत के स्वामित्व के आवास में निवास करते हुए हाउस रेंट अलाउंस की राशि वेतन के साथ साथ पास कराया है। इतना ही नहीं नाजायज रूप से नगरपंचायत के भवन में रहते हुए बाहर किराया के लिए शासन की राशि का भुगतान प्राप्त कर भ्रष्टाचार किया है। वहीं शासकीय राशि में बंदरबांट किया है।
आंगनबाड़ी सुपरवाइजर के घर में पेट्रोल छिड़ककर लगाई गई आग, मां समेत दो बच्चे झुलसे इसके अलावा सभी अधिकारियों ने कई तरह के मदों में बंदरबाट करते हुए शासन को चूना लगाया है। जबकि यह सब कृत्य नगरपंचायत अध्यक्ष संजय अग्रवाल की जानकारी में है। नगरपंचायत के आवास में रहते हुए अवैध रूप से आहरण कर गबन किया गया है। जो कृत्य लोक सेवक द्वारा आपराधिक अवचार की श्रेणी में आता है, जो भ्रष्ट निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 ग के अंतर्गत गंभीर अपराध है। शासकीय राशि का संपरिवर्तन कर शासकीय राशि के गबन का अपराध है।
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी
नगर के ओमप्रकाश सुल्तानिया ने इस आशय की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत निकलवाई है। जिसमें 52 हजार रुपए की गड़बड़ी सामने आई है। अधिकारियों ने दिसंबर माह में 1606 रुपए का बिल पास कराया है। जनवरी 2015 में 13044 रुपए, दिसंबर 2016 में 18505 रुपए, जनवरी 2017 में 19244 रुपए मिलाकर 52399 रुपए हाउस रेंट की राशि वेतन के साथ आहरण किया है।